मराठा कोटे के लिए आरक्षण की मांग उठाने वाले प्रमुख चेहरे मनोज जरांगे पाटिल ने डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस पर गंभीर आरोप लगाकर इस्तीफे की मांग कर डाली है।
उन्होंने डिप्टी सीएम पर कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाने और आंदोलन की आड़ में मासूम लोगों पर अत्याचार करने का आरोप लगाया है।
पाटिल के फडणवीस को निशाना बनाने के पीछे बीजेपी नेताओं का कहना है कि पाटिल द्वारा बोली जा रही स्क्रिप्ट का राइटर कोई और है। बीजेपी में अंदरखाने यह भी चर्चा है कि फडणवीस मराठी न होने की वजह से आसान टारगेट हैं।
बीजेपी सूत्रों ने मराठा आरक्षण के लिए आंदोलनरत मनोज पाटिल पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस को निशाना बनाकर राजनीति करने का आरोप लगाया है।
आरोप है कि मरोज पाटिल इस मसले पर सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम अजित पवार को लेकर शांत हैं लेकिन, निशाना केवल फडणवीस ही क्यों? उन्होंने मराठा आरक्षण की मांग के बीच हुई हिंसा को लेकर फडणवीस के गृह मंत्री पद से इस्तीफे की मांग उठाई है। साथ ही फडणवीस के एक वीडियो को दिखावा बताते हुए निशाना भी साधा। फडणवीस ने इस्तीफे की मांग पर कहा था कि वह एक ब्राह्मण हैं और आसान निशाना भी।
सरकार हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कह चुकी है। उधर, जारांगे पाटिल का कहना है कि “फडणवीस को उत्पात मचाने की आदत है।
वह एक समुदाय को दूसरे समुदाय से लड़ाते हैं। क्या आपको लगता है कि हम उनकी बातों से डर जायेंगे? उनके जैसे नेताओं के कारण ही भाजपा को अन्य राज्यों में झटका लगा है और महाराष्ट्र में भी लगेगा।”
फडणवीस पर एनसीपी भी हावी
मनोज पाटिल की तरह एनसीपी भी हिंसा को लेकर फडणवीस को जिम्मेदार मानती है। पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने कहा कि’ हिंसा की घटनाएं गृह मंत्री की विफलता हैं। उन्हें नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। निर्दोष लोगों पर लाठीचार्ज किया गया, विधायकों के घर जलाए गए। राज्य में कानून-व्यवस्था कहां है?’
उधर, मनोज पाटिल को राजनीति न करने की चेतावनी देते हुए, भाजपाई और मराठी नेता अजीत चव्हाण का कहना है, “मराठा आरक्षण आंदोलन की खासियत थी कि यह बड़े पैमाने पर चल रहा है। लेकिन जब आप किसी विशिष्ट नेता या पार्टी को निशाना बनाते हैं, तो सवालिया निशान तो उठेगा ही। मनोज पाटिल से हमारी अपील है कि वे उन राजनीतिक आकाओं के हाथों की कठपुतली न बनें जो आंदोलन के जरिए अपना फायदा करना चाहते हैं।’
सर्वदलीय बैठक में फडणवीस को मिला साथ
खुद फडणवीस ने कहा कि आंदोलन की आड़ में जो कोई कानून अपने हाथ में लेगा, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बुधवार को, महाराष्ट्र सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भी फडणवीस को उग्र प्रदर्शन में सख्त ऐक्शन पर सपोर्ट मिला। बैठक में उपस्थित नेताओं ने सर्वसम्मति से हामी भरी कि प्रदर्शनकारियों द्वारा की जा रही हिंसा किसी भी सूरत में स्वीकृत नहीं की जाएगी। साथ ही मराठा कोटे के लिए आंदोलन कर रहे प्रदर्शनकारियों से इसका स्थायी समाधान खोजने में सरकार का सहयोग करने का भी आग्रह किया गया।
फडणवीस के बचाव में उतरी बीजेपी
पार्टी के एक पदाधिकारी का कहना है कि मराठा कोटा में फडणवीस का योगदान काफी ज्यादा है। “राज्य के इतिहास में पहली बार, उनके अधीन महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया गया। पैनल की सिफारिशों के अनुसार, मराठों को नौकरियों और शिक्षा में 12% और 13% आरक्षण दिया गया।” महाराष्ट्र में बीजेपी उपाध्यक्ष प्रसाद लाड का कहना है कि”फडणवीस एकमात्र सीएम रहे, जिन्होंने मराठों को आरक्षण दिया। फिर जारांगे-पाटील फडणवीस पर हमला क्यों कर रहे हैं? वह ऐसा किसके कहने पर कर रहे हैं? यह स्पष्ट रूप से राजनीतिक प्रतिशोध का मामला है। बीजेपी विधायक नीतीश राणे ने कहा, ”यह साफ है कि स्क्रिप्ट राइटर कोई और है, वरना पाटिल आरक्षण के एजेंडे से राजनीति की ओर क्यों भटकते?”