कैश लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोपों में घिरीं महुआ मोइत्रा पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने फिर हमला बोला है।
उन्होंने एक्स पर लिखी अपनी पोस्ट में कहा कि भारत सरकार की आईटी पॉलिसी साफ कहती है कि आप अपनी ईमेल आईडी, पोर्टल और इंट्रानेट के पासवर्ड को किसी के साथ साझा नहीं कर सकते।
ऐसा करने पर तीन साल तक की सजा का प्रावधान है। उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘महुआ जी के कई साक्षात्कार को देखा व पढ़ा। सांसद जिस आईटी स्टैंडिंग कमेटी की सदस्य हैं। उसी को पढ़ लेतीं।
आईटी ऐक्ट 2000 के नियम 43 के अनुसार कम्प्यूटर,डाटा के पासवर्ड की जानकारी आप सिस्टम के मालिक की परमिशन से ही दे सकते हैं।’
उन्होंने कहा कि यहां सिस्टम के मालिक लोकसभा स्पीकर ही हैं या फिर एनआईसी है। आपने किससे पूछा? यदि नहीं तो राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ के अलावा भ्रष्टाचार में भी 3 साल जेल है।
जानकारी के लिए यह संपत्ति संसद की है,यदि हम सांसद नहीं हैं तो फिर इसे डिपॉजिट करना होता है। यही नहीं एक और पोस्ट करके निशिकांत दुबे ने आईटी ऐक्ट के उन प्रावधानों का भी जिक्र किया, जिसमें पासवर्ड जैसी संवेदनशील जानकारियों को साझा करना गलत माना गया है। उन्होंने कहा कि यह मामला तो 2005 के कैश के बदले सवाल से भी बड़ा है।
भाजपा सांसद ने जनता और नेताओं से अपील की कि वे पक्ष और विपक्ष से ऊपर उठकर इस मामले में साथ दें। निशिकांत दुबे लगातार टीएमसी की सांसद पर हमलावर हैं।
उन्होंने एक होटल का बिल भी सोशल मीडिया पर शेयर किया है और दावा किया है कि महुआ के इस खर्च का भुगतान कारोबारी हीरानंदानी ने ही किया था।
दुबे ने लिखा, ‘साक्षात्कार के अनुसार महुआ जी ने हीरानंदानी से कोई फेवर नहीं लिया, यह उनके होटल का बिल है, जो हीरानंदानी ने दिया। यह 2018 का है, जब महुआ बंगाल विधानसभा की सदस्य थीं। 2019 के बाद का लेखा जोखा तो कमिटी लेगी।
गौरतलब है कि महुआ मोइत्रा पर आरोप है कि उन्होंने कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से कैश और गिफ्ट लेकर संसद में गौतम अडानी को लेकर सवाल पूछे थे।
उन्हें संसद की एथिक्स कमेटी ने 2 नवंबर को पेशी पर बुलाया है। उनसे पहले निशिकांत दुबे से पूछताछ की जा चुकी है। बता दें कि महुआ मोइत्रा ने हीरानंदानी से कैश लेने की बात से इनकार किया है।