नागपुर के अस्पातल से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया।
यहां एक मरीज की धड़कनें लगभग 1 घंटे के लिए रुक गई। यूं कह सकते हैं कि वह शख्स एक घंटे के लिए मर गया। लेकिन डॉक्टरों के प्रयास ने चमत्कार कर दिया और एक घंटे के बाद उसकी धड़कन वापस लौट आई।
दरअसल 38 साल के शख्स को 25 अगस्त को अचानक हार्ट अटैक आ गया। उसे 45 दिनों तक आईसीयू में रखा गया। 13 अक्टूबर को उसे अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई है।
अमेरिकन हार्ट असोसिएशन के मुताबिक मरीज की धड़कनें 40 मिनट तक पूरी तरह से बंद थी। कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. ऋषि लोहिया ने उन्हें 40 मिनट तक सीपीआर देने का फैसला किया।
मॉनिटर पर वेंट्रिक्युलर फिब्रिलेशन दिखाई दे रहा था। मरीज को सीपीआर के साथ डिफिब्रिलेश झटके दिए जा रहे थे। यह तब तक जारी रखा गया जब तक कि दिल फिर से नहीं धड़कने लगा।
अस्पताल के रिकॉर्ड के मुताबिक उसे 45 मिनट तक सीपीआर दिया गया। डॉ. लोहिया ने कहा कि पहला सीपीआर 20 मिनट तक चला।
उस बीच 30 सेकंड के लिए धड़कनें चली थीं। उन्होंने कहा, कार्डियक मसाज के साथ झटका भी दिया जा रहा था। इससे ह्रदय गति को रीस्टोर करने में मदद मिली।
इतनी देर तक मसाज देने के बाद भी मरीज की पसलियां नहीं टूटीं और झटके की वजह से उसकी चमड़ी भी नहीं जली। यह सही तरीके से किए गए ट्रीटमेंट की वजह से संभव हो पाया।