भारत निर्वाचन आयोग द्वारा राष्ट्रीय दलों और संबद्ध राज्य के मान्यता प्राप्त राज्यीय राजनीतिक दल को दूरदर्शन और आकाशवाणी पर निःशुल्क प्रसारण के लिए समय उपलब्ध कराने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को दूरदर्शन एवं आकाशवाणी पर निःशुल्क प्रसारण के माध्यम से मतदाताओं को अपनी नीतियों और कार्यक्रमों, घोषणा पत्रों और प्रमुख मुद्दों के संबंध में अपने विचारों के बारे में जानकारी देने का अवसर प्राप्त होता है।
निर्वाचकों के लिए भी विभिन्न दलों के नीति संबंधी मुद्दों को समझने के लिए यह सूचना का महत्वपूर्ण स्त्रोत होता है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार विधानसभा निर्वाचन-2023 हेतु सभी राष्ट्रीय दलों और छत्तीसगढ़ में मान्यता प्राप्त राज्यीय दल को दूरदर्शन और आकाशवाणी के क्षेत्रीय नेटवर्क पर प्रचार के लिए प्रारंभिक रूप से 45 मिनट की एक समान अवधि उपलब्ध कराए जाने के भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश हैं।
साथ ही राजनीतिक दलों द्वारा पिछले विधानसभा निर्वाचनों या लोकसभा के पिछले साधारण निर्वाचनों, जैसी भी स्थिति हो, में दलों के मतदान निष्पादन के आधार पर अतिरिक्त समय आबंटन का निर्णय आयोग द्वारा लिया जाता है। प्रसारण के लिए एक बार में 15 मिनट से अधिक का समय नहीं दिया जाएगा।
राजनीतिक दलों को दूरदर्शन और आकाशवाणी पर प्रसारण के लिए निर्वाचन हेतु प्रत्याशियों की सूची के प्रकाशन के दिन से लेकर प्रत्येक चरण के मतदान दिवस के दो दिन पहले तक दिया जाएगा।
छत्तीसगढ़ विधानसभा निर्वाचन-2023 में छत्तीसगढ़ में राजनीतिक दलों को प्रसारण के लिए दूरदर्शन पर कुल 629 मिनट तथा उसी प्रकार रेडियो पर प्रसारण हेतु कुल 629 मिनट निर्धारित किया गया है।
इसमें सभी दलों के लिए अनुपातिक रूप से समय दिया गया है। उक्त दिशा निर्देशों के परिपालन में प्रसारण हेतु दिन एवं समय का निर्धारण मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों की उपस्थिति में दूरदर्शन एवं प्रसार भारती के अधिकारियों द्वारा लॉट निकालकर दिनांक 19 अक्टूबर 2023 को किया गया। प्रदेश में राजनीतिक दलों को प्रसारण की यह सुविधा दूरदर्शन और आकाशवाणी के क्षेत्रीय प्रसारण केन्द्रों तथा राजधानी रायपुर स्थित प्रसारण केन्द्र से दी जाएगी। इसे छत्तीसगढ़ में स्थित दूरदर्शन और आकाशवाणी के अन्य रिले केन्द्र भी प्रसारित करेंगे।
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 के संशोधित प्रावधानों के अनुसार सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को केन्द्र सरकार के इलेक्ट्रॉनिक प्रसारण माध्यमों (दूरदर्शन एवं आकाशवाणी) पर प्रचार के लिए समुचित समय उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है।
इस अधिनियम के तहत छत्तीसगढ़ में भी आगामी विधानसभा निर्वाचन के दौरान राष्ट्रीय और मान्यता प्राप्त प्रादेशिक दलों को सार्वजनिक (शासकीय) क्षेत्र के प्रसारणकर्ता प्रसार भारती निगम द्वारा प्रचार के लिए निःशुल्क समय उपलब्ध कराया जाएगा।
राजनीतिक दलों को आयोग द्वारा निर्धारित मापदंडों का कड़ाई से पालन करना होगा। प्रसारण के लिए रिकॉर्डिंग एवं उसकी ट्रांसक्रिप्ट (अनुलिपि) पहले ही जमा कराना होगा।
आयोग ने प्रसारण की विषयवस्तु के लिए कड़े दिशा-निर्देश दिए हैं। प्रसारण में दूसरे देशों की आलोचना, धर्मों एवं समुदायों पर आक्षेपण, कोई अश्लील व अपमानजनक चीज, हिंसा भड़काना, न्यायालय की अवमानना, राष्ट्रपति एवं न्यायालय की सत्यनिष्ठा के प्रति निंदा, राष्ट्र की एकता, संप्रभुता एवं अखण्डता को प्रभावित करने वाली कोई चीज, किसी व्यक्ति का नाम लेकर कोई आलोचना करने की अनुमति नहीं होगी।