लोकसभा चुनाव 2024 के करीब आने के साथ भाजपा अपनी रणनीति को बेहतर बनाने में जुट गई है।
भाजपा मुस्लिम समुदाय पर नजर गड़ाए हुए है। पीएम मोदी के नेतृत्व में पार्टी पहले ही पसमांदा मुसलमानों को पाले में लाने की मुहिम चला चुकी है।
अब उसकी निगाह सूफी समर्थन जुटाने पर है। इसके लिए सूफी संवाद महाअभियान चलाया जा रहा है।
भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चे ने लखनऊ में 12 अक्टूबर को ऐसा ही आयोजन किया था, जिसमें 100 से ज्यादा दरगाह से करीब 200 सूफी शामिल हुए थे। इन लोगों से मोदी सरकार की नीतियों और योजनाओं को देशभर के मुसलमानों तक पहुंचाने की अपील की गई।
सूफियों पर इसलिए निगाह
इसको लेकर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष जमाल सिद्दिकी ने जानकारी दी। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक सिद्दिकी ने बताया कि पीएम मोदी भारतीय परंपरा के अहम हिस्से के तौर पर सूफियों की तारीफ करते हैं।
उन्होंने कहा कि सूफी आम लोगों के बीच रहते हैं और जाति, धर्म और मान्यताओं से परे रहते हुए सभी को सिखाते हैं। जमाल सिद्दिकी ने आगे कहा कि यह पसमांदा समुदाय तक पहुंचने से अलग मुहिम है।
इसका मकसद है सूफी आध्यात्मिक नेताओं के जरिए उनके फॉलोअर्स और खासकर मुस्लिम समुदाय तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने कहा कि इसका मकसद सूफियों को भाजपा ज्वॉइन कराना कतई नहीं है। बल्कि एक बातचीत की शुरुआत करनी है, जिससे आम मुस्लिमों तक पहुंचा जा सके। सिद्दिकी ने कहा कि पार्टी यह जानने की कोशिश करेगी कि आम मुसलमानों की समस्याएं और मांगें क्या हैं?
22 राज्यों में पहुंचने के लिए कमेटियां
अल्पसंख्यक मोर्चा नेता ने कहा कि 22 राज्यों में सूफियों तक पहुंचने के लिए कमेटियां बनाई गई हैं। इसके जरिए लोकसभा चुनाव के साथ-साथ पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी फायदा उठाने की कोशिश की जाएगी।
केवल उत्तर प्रदेश में ही पार्टी करीब 10 हजार सूफी दरगाह के प्रमुखों तक पहुंचने की कोशिश करेगी। जमाल सिद्दिकी ने कहा कि प्रधानमंत्री मानते हैं कि सूफियों का प्रभाव प्यार, शांति और भाईचारे के प्रसार में काफी अहम है। माइनॉरिटी मोर्चा के यूपी प्रेसीडेंट कुंवर बासित अली ने कहा कि सीएम योगी भी उन्हीं की तरह से संत हैं।
दिया गया है खास नारा
इन कार्यक्रमों के दौरान सूफियों को बताया जाएगा कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी जैसे विपक्षी दल मुस्लिमों के मन में भाजपा के प्रति कैसे प्रोपोगेंडा फैला रहे हैं। अली ने बताया कि लखनऊ मीटिंग के दौरान एक नारा दिया गया, “ना दूरी है ना खाई है, मोदी हमारा भाई है।”
उन्होंने कहा कि अगर किसी इलाके में मुस्लिम लोग इच्छा व्यक्त करते हैं कि भाजपा के वरिष्ठ नेता को उनसे मिलना चाहिए, तो पार्टी एक मंत्री, सांसद या विधायक को उनसे मिलने और उनकी बातों को सुनने के लिए भेजेगी।
उन्होंने कहा कि सूफी संत सभी समुदायों के बीच भाईचारे में विश्वास करते हैं और मुसलमानों के बीच भाजपा की पहुंच विकसित करने का एक अच्छा माध्यम हो सकते हैं।