इजरायल-हमास युद्ध को लेकर अमेरिका का दोहरा मापदंड दिखने लगा है। पहले तो उसने खुलकर इजरायल का पक्ष लिया, लेकिन अब फिलिस्तीन को भी मदद का भरोसा दे रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शनिवार को फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बात की।
उन्होंने दोनों ही नेताओं से उनके-उनके क्षेत्र में मानवीय सहायता की अनुमति देने का आग्रह किया।
इससे पहले रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने कहा था कि अमेरिका इजरायल के समर्थन में एक दूसरे युद्धपोत को आगे बढ़ा रहा है।
वहीं, एंटनी ब्लिंकन ने इजरायल-हमास युद्ध को फैलने से रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया जुटाने के लिए पूरे मध्य पूर्व और उससे आगे राजनयिक पहुंच तेज कर दी है।
आपको बता दें कि इजरायल ने गाजा के लोगों को दक्षिण की ओर जाने के लिए कहा था। वहीं, हमास ने लोगों से अपने घरों में रहने का आग्रह किया था।
एक सप्ताह पहले हमास के हमले के बाद बाइडेन प्रशासन ने सार्वजनिक रूप से इजरायल से हमला रोकने का आग्रह नहीं किया है, लेकिन युद्ध के नियमों का पालन करने के लिए अमेरिकी की प्रतिबद्धता पर जोर दिया है।
गाजा में मानवीय संकट: बाइडेन
वाशिंगटन में शनिवार को एक मानवाधिकार कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बाइडेन ने गाजा में मानवीय संकट को नफरत के विभिन्न तरीकों से जोड़ा और उन्होंने कहा कि इसे रोका जाना चाहिए।
बाइडेन ने कहा, “एक हफ्ता पहले हमने नरसंहार के बाद से हमने सबसे बुरे नरसंहार में नफरत को एक और तरीके से प्रकट होते देखा है।”
इस दौरान बाइडेन ने इजरायल में जान गंवाने वाले 1,300 लोगों के साथ-साथ हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों का जिक्र किया।
साथ ही उन्होंने कहा, “गाजा में मानवीय संकट है। निर्दोष फिलिस्तीनी परिवार इसका सामना कर रहा है, जिनका हमास से कोई लेना-देना नहीं है। उन्हें मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। हमें नफरत को हर रूप में अस्वीकार करना होगा।”
अमेरिका में इजरायल के खिलाफ प्रदर्शन पर लोग हिरासत में लिए गए
अमेरिका के आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) एजेंसी ने इजरायल के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे कुछ फलीस्तीनी अमेरिकियों को हिरासत में लिया है।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक अमेरिका-अरब भेदभाव विरोधी समिति के कार्यकारी निदेशक अबेद अयूब ने गुरुवार को एक्स पर पोस्ट में कहा, हमें आज आईसीई द्वारा हिरासत में लिए गए फलीस्तीनी नागरिकों के संबंध में कई कॉल प्राप्त हुए हैं।
संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) ने गुरुवार को विभन्नि राज्यों में कई मस्जिदों के साथ-साथ उन केंद्रों का दौरा किया, जहां अरब कैदियों को रखा गया है। यह एक परेशान करने वाली प्रवृत्ति है।
विश्विद्यालयों के छात्रों ने लिखा पत्र
उल्लेखनीय है कि इस सप्ताह की शुरुआत में प्रतष्ठिति हार्वर्ड विश्वविद्यालय के छात्रों ने एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने उस प्रक्रिया को शुरू करने के लिए इज़रायल को दोषी ठहराया था, जिसके कारण इस सप्ताह हमास ने इजरायल पर रॉकेट से हमला किया था।
छात्रों की इस गतिविधि की देशभर में निंदा हुयी थी। घटना के बाद विश्वविद्यालय परिसर में एक ट्रक को घुमाया गया था, जिस पर कुछ समूहों और व्यक्तियों के हस्ताक्षर थे। इसके बाद कुछ अमेरिकी कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने घोषणा की थी कि वे उन छात्रों को नौकरी नहीं देंगे, जिन्होंने ये पत्र लिखा था।