भारत और कनाडा के बीच जारी तनाव खत्म होने के आसार हैं। दरअसल, खबर है कि डेडलाइन खत्म होने के बाद भी कनाडा के राजनयिक भारत में बने हुए हैं।
कहा यह भी जा रहा है कि भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कनाडाई समकक्ष मेलेनी जॉली के साथ अमेरिका में गुप्त मुलाकात की थी। हालांकि, इस मीटिंग को लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।
तनाव खत्म होने के संकेत!
भारत ने सितंबर में ही कनाडा से 62 में से अपने 41 राजनयिकों को वापस बुलाने के लिए कह दिया था। भारत ने इसके लिए 10 अक्टूबर तक का समय दिया था।
अब फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार को डेडलाइन खत्म होने के बाद भी दोनों देशों के बीच दर्जनों राजनयिकों को लेकर चर्चाएं जारी हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत पहले ही चेतावनी दे चुका है कि डेडलाइन के बाद भी भारत में रहने वाले राजनयिक अपनी डिप्लोमैटिक इम्युनिटी खो देंगे।
एक कनाडाई अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि ओटावा ने डेडलाइन से पहले किसी भी राजनयिक को वापस नहीं बुलाया है।
प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की तरफ से आरोप लगाए जाने के बाद कनाडा ने भारतीय राजनयिक को निष्कासित कर दिया था। बाद में भारत ने भी जवाबी कार्रवाई में कनाडाई राजनयिक को बाहर का रास्ता दिखा दिया था।
दोनों देशों की हो चुकी बातचीत?
माना जा रहा है कि ओटावा लगातार भारत के साथ इस विवाद को सुलझाने की कोशिश कर रहा है। जॉली भी कह चुकी हैं कि कनाडा, भारत के साथ इस बात को ‘प्राइवेट’ में खत्म करना चाहता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, जयशंकर और जॉली ने वॉशिंगटन में भी मुलाकात की। हालांकि, दोनों मंत्रियों के बीच क्या बात हुई, इसे लेकर कोई जानकारी नहीं है।
समानता चाहे भारत
खबर है कि भारत राजनयिकों की संख्या और उनकी रैंक के मामले में समानता चाहता है। खास बात है कि कनाडा में भारत के राजनयिकों की तुलना में भारत में कनाडाई राजनयिकों की संख्या ज्यादा है। भारत ने इस समानता के लिए वियना कन्वेंशन का हवाला दिया था।