भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने शनिवार को कहा कि देश की अंतरिक्ष एजेंसी को प्रतिदिन 100 से अधिक साइबर हमलों का सामना करना पड़ रहा है।
केरल के कोच्चि में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय साइबर सम्मेलन के 16वें संस्करण के समापन सत्र में बोलते हुए सोमनाथ ने आगे कहा कि रॉकेट तकनीक में साइबर हमलों की संभावना बहुत अधिक है जो अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर आधारित चिप का उपयोग करती है। उन्होंने कहा, “संगठन ऐसे हमलों का सामना करने के लिए एक मजबूत साइबर सुरक्षा नेटवर्क से लैस है।”
केरल पुलिस और सूचना सुरक्षा अनुसंधान एसोसिएशन द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय साइबर सम्मेलन में पहुंचे इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि संगठन रोजाना 100 से अधिक साइबर हमलों का सामना करता है।
हालांकि इसरो की साइबर सिक्योरिटी इन हमलों से बचने के लिए काफी मजबूत है। इसरो में मौजूद सुरक्षा तकनीकों के बारे में उन्होंने कहा कि सॉफ्टवेयर के अलावा, इसरो रॉकेट के अंदर हार्डवेयर चिप्स की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करते हुए विभिन्न परीक्षणों पर भी आगे बढ़ रहा है।
उन्नत प्रोद्योगिकी को वरदान और खतरा बताते हुए उन्होंने कहा कि पहले, एक समय में एक उपग्रह की निगरानी की जाती थी, अब सॉप्टवेयर के तरीकों में बदलाव करके एक समय मे कई उपग्रहों की निगरानी की जाती है। यह इस क्षेत्र की वृद्धि को इंगित करता है। COVID के दौरान, एक दूरस्थ स्थान से लॉन्च करना संभव था जो प्रौद्योगिकी की विजय को दर्शाता है।” उन्होंने आगे कहा कि विभिन्न प्रकार के उपग्रह हैं जो नेविगेशन, रखरखाव आदि के लिए शाखाबद्ध हैं।
सोमनाथ ने कहा, “इनके अलावा, आम लोगों के दैनिक जीवन में मदद करने वाले उपग्रह भी मौजूद हैं। इन सभी को विभिन्न प्रकार के सॉफ्टवेयर द्वारा नियंत्रित किया जाता है। इन सभी की सुरक्षा के लिए साइबर सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है।” उन्होंने कहा, “हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी तकनीक का इस्तेमाल कर साइबर अपराधियों द्वारा पेश की गई चुनौतियों का सामना उसी तकनीक से कर सकते हैं। इस दिशा में शोध और कड़ी मेहनत होनी चाहिए।”
इस बीच, सम्मेलन के समापन सत्र का उद्घाटन करने वाले केरल के राजस्व मंत्री पी राजीव ने कहा कि राज्य साइबर सुरक्षा प्रशासन के लिए एक रोल मॉडल है क्योंकि राज्य सरकार साइबर क्षेत्र को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम है।
उन्होंने कहा, “राज्य सरकार साइबर क्षेत्र को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम है। सरकार राज्य में डिजिटल विश्वविद्यालय की स्थापना करके इस क्षेत्र को आवश्यक सहायता भी प्रदान कर रही है। केरल एक ऐसा राज्य है जहां के-फोन के माध्यम से हर घर में इंटरनेट सुनिश्चित किया जाता है।”