हमास आतंकवादियों के मिसाइल अटैक ने इजरायली लोगों के दिल में दहशत पैदा कर दी है।
इजरायल में 18 हजार भारतीय नागरिक रहते हैं, इसमें अधिकतर छात्र हैं। इजरायल में भारतीय दूतावास ने लोगों से सतर्क रहने और बाहर न निकलने की सलाह दी है।
इस बीच भारतीय छात्रों ने अपनी दुर्दशा साझा की है। छात्रों के अनुसार, हालांकि वे भारतीय दूतावास के साथ लगातार संपर्क में हैं, लेकिन स्थिति “बहुत तनावपूर्ण” होने के कारण वे बेहद घबराए हुए और डरा हुआ महसूस कर रहे हैं।
इजरायल और फिलिस्तीन के हमास आतंकियों के बीच जंग में दोनों देशों की तरफ से कम से कम 400 मारे जा चुके हैं। जबकि 1700 से अधिक घायल हैं।
इस जंग की शुरुआत शनिवार तड़के हमास आतंकी ने इजरायल के विभिन्न इलाकों में अंधाधुंध रॉकेट हमलों से किया। 20 मिनट में तकरीबन 5000 रॉकेट दागे गए।
इस हमले के बाद इजरायल ने जंग का ऐलान कर दिया है। इजरायल के पीएम नेतन्याहू ने एक बयान में कहा कि दुश्मन को मिट्टी में मिलाकर ही हम लेंगे।
हमले ने इजरायली लोगों को बंकरों में रहने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। एक भारतीय छात्र गोकुल मनावलन ने समाचार एजेंसी एएनआई को अपनी आपबीती बताई।
कहा, “मैं बहुत घबराया हुआ और डरा हुआ हूं…शुक्र है कि हमारे पास आश्रय स्थल और इजरायली पुलिस बल हैं। अब तक, हम सुरक्षित हैं…हम भारतीय दूतावास के लोगों के संपर्क में हैं, हमारे आसपास एक अच्छा भारतीय समुदाय है और हम जुड़े हुए हैं।”
सायरन और अटैक से डरे लोग
एक अन्य छात्र विमल कृष्णसामी मणिवन्नन चित्रा ने कहा कि हमला “बहुत तनावपूर्ण और डरावना” था। “भारतीय दूतावास समूह में हमारे साथ संपर्क में है। वे हम पर नज़र रख रहे हैं।”
उधर, हमास आतंकियों के हमले के समय अपनी स्थिति साझा करते हुए एक छात्र आदित्य करुणानिधि निवेदिता ने कहा, “यह सब बहुत अचानक हुआ, हमने इसकी उम्मीद नहीं की थी, क्योंकि इज़राइल में धार्मिक छुट्टियां चल रही हैं। हमें सुबह-सुबह करीब साढ़े पांच बजे सायरन मिला। हम लगभग 7-8 घंटों तक बंकरों में थे, सायरन बजता रहा…हमें अपने घरों के अंदर रहने के लिए कहा गया है।’
20 मिनट में 5000 रॉकेट दागे
इज़राइल में हिब्रू विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले एक छात्र के अनुसार, वे छात्रावास में रह रहे हैं और कॉलेज द्वारा आवास उपलब्ध कराया जा रहा है।
पिछले 18 वर्षों से इज़राइल में काम कर रही एक भारतीय नागरिक सोमा रवि ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, “आज बहुत कठिन दिन था, हमने कभी ऐसी स्थिति नहीं देखी है।”
20 मिनट के भीतर 5,000 रॉकेट दागे गए और उन्होंने (हमास आतंकवादियों ने) 22 लोगों को मार डाला जबकि 500 घायल हो गए। यह देश के लिए बहुत कठिन स्थिति है।”
इजरायली हमलों के बीच हमास के सैन्य कमांडर मुहम्मद अल-दीफ़ ने हमले को ‘ऑपरेशन अल-अक्सा स्टॉर्म’ कहा। बयान दिया कि इज़राइल पर हमला महिलाओं पर हमलों, यरूशलेम में अल-अक्सा मस्जिद के अपमान और चल रही घेराबंदी का जवाब था।
22 जगहों पर जारी मुठभेड़
इसके अलावा वीडियोज में देखा गया को मेटल बैरियर को तोड़कर मोटरसाइकल से भी लड़ाके इजरयल में घुस रहे हैं। हमास ने बोल्डोजर से तार के जाल को गिरा दिया।
अचानक इतना बड़ा हमला होने के बाद इजरायल को सम्हलने में वक्त लगा। अब इजरायली सेना का कहना है कि कम से कम 22 जगहों पर मुठभेड़ चल रही है।
हैरान करने वाली बात यह है कि शिन बेट, इजरायली घरेलू खुफिया सर्विस, सेना और मोसाद सब कैसे फेल हो गए। जबकि मोसाद के एजेंट लेबनान, सीरिया और हमास तक पर बखूबी नजर रखते हैं। इससे पहले भी इन एजेंसियों की रिपोर्ट पर आतंकी संगठनों के कई कमांडरों की हत्या की जा चुकी है।
बता दें कि इजरायली एजेंट बड़े ही शातिर तरीके से अपने दुश्मनों को ठिकाने लगाते हैं। वे गाड़ी में जीपीएस ट्रैकर लगा देते हैं। इसके बाद बेहद सटीक निशाना लगाते हैं।
वहीं इजरायली मिसाइलों से भी बचना मुश्किल होता है। इसके आलावा बॉर्डर पर भी तार के साथ ही कैमरे, सेंसर और सैन्य टुकड़ियां लगाई गई हैं।
इसके बाद भी हमास के आतंकियों ने इजरायल पर इतना बड़ हमला कर दिया वह भी तब जब कि इजरायल पर पहले किए गए हमले की50वीं वर्षगांठ थी।