प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने ऑनलाइन सट्टेबाजी केस में बॉलीवुड के एक बड़े प्रोडक्शन हाउस पर छापा मारा।
रिपोर्ट के मुताबिक, कुरैशी प्रोडक्शंस को फिल्म बनाने के लिए महादेव ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल से पैसा मिला था।
वसीम और तबस्सुम कुरैशी की ओर से कुरैशी प्रोडक्शंस चलाया जाता है। यह बॉलीवुड के एक टॉप स्टार के साथ बड़े बजट की ऐतिहासिक फिल्म बनाने में शामिल रहा है।
बताया जा रहा है कि यह फिल्म क्षेत्रीय भाषा में बनाई जा रही है जिसे कई दूसरी भाषाओं में डब किया जाएगा। ईडी ने शुक्रवार रात अंधेरी और कुछ अन्य जगहों पर छापेमारी की है।
कहा जा रहा है कि वसीम कुरैशी से अभी पूछताछ जारी है और उनकी यात्रा डिटेल मांगी गई है।
मालूम हो कि ईडी ने महादेव बेटिंग ऐप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हास्य कलाकार कपिल शर्मा, एक्ट्रेस हुमा कुरैशी और हिना खान को समन भेजा है।
इन लोगों को अलग-अलग तारीखों पर पूछताछ के लिए पेश होने को कहा गया है। जांच एजेंसी पहले ही इस मामले में बॉलीवुड एक्टर रणबीर कपूर को समन भेजकर 6 अक्टूबर को रायपुर के क्षेत्रीय कार्यालय में पूछताछ के लिए उपस्थित होने का निर्देश दे चुकी है।
माना जा रहा है कि कपूर ने 2 सप्ताह का समय मांगा है। अधिकारियों ने बताया कि हाल में तीनों कलाकारों को समन भेजकर एजेंसी के रायपुर कार्यालय में अलग-अलग तारीखों पर पेश होने को कहा गया है।
बॉलीवुड कलाकारों से मिलेंगी कई जानकारियां
एजेंसी धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत इनका बयान दर्ज करेगी। NIA यह समझने की कोशिश करेगी कि ऐप के प्रमोटर्स की ओर से किए गए भुगतान और धन प्राप्ति का तरीका क्या था।
माना जा रहा है कि इन कलाकारों को मामले में आरोपी नहीं बनाया जाएगा। समझा जाता है कि इन कलाकारों ने महादेव ऐप का प्रचार किया।
कुछ ने ऐप के एक प्रमोटर की विदेश में हुई शादी में मेहमानों का मनोरंजन किया था। कपूर को पेश होने के लिए समन भेजने के बाद सूत्रों ने बताया कि ईडी मामले में 14 से 15 अन्य हस्तियों की भूमिका की जांच कर रही है और उन्हें भी जल्द पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।
महादेव ऐप का कैसे बिछाया गया जाल
एजेंसी के मुताबिक, कंपनी के प्रमोटर सौरभ चंद्रशेखर और रवि उप्पल दुबई से ऐप ऑपरेट कर रहे थे। उसने आरोप लगाया कि वे नए यूजर्स का रजिस्ट्रेन करने के लिए ‘ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्लीकेशन का इस्तेमाल करते थे, आईडी बनाते थे और बहुस्तरीय बेनामी बैंक खातों के नेटवर्क से मनी लॉन्ड्रिंग करते थे।
अधिकारियों ने बताया कि ईडी की जांच में खुलासा हुआ कि ‘महादेव ऑनलाइन बुक ऐप’ का संचालन संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) स्थित मेन ऑफिस से किया जाता था।
उन्होंने बताया कि वे अपने जानकारों को फ्रेंचाइजी के जरिए खोली गई शाखाओं को कारोबार का अधिकार 70:30 के लाभ अनुपात पर देते थे।
अधिकारियों ने बताया कि सट्टे से हुई कमाई की राशि दूसरे देशों में मौजूद खातों में भेजने के लिए बड़े पैमाने पर हवाला का इस्तेमाल किया जाता था।
भारत में सट्टा वेबसाइट के प्रचार करने के लिए बड़े पैमाने पर नकदी का इस्तेमाल किया गया ताकि नए यूजर्स और फ्रेंचाइजी के लिए उन्हें आकर्षित किया जा सके।