भारत और कनाडा के बीच रिश्ते तल्ख हो चले हैं। कनाडा के पीएम जस्टिन ने खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की साजिश रचने के लिए भारत के खुफिया एजेंटों पर आरोप लगाया।
जिसे भारत ने सिरे से नकार दिया। कनाडा के आरोपों के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गए हैं। इसी बीच भारत ने गुरुवार को देश में कनाडा के राजनयिकों मौजूदगी में कटौती करने के संकेत दिए हैं।
भारतीय पक्ष ने इस सप्ताह कनाडा से कई दर्जन राजनयिकों को वापस बुलाने के लिए कहा है। कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि भारत ने कनाडा को 10 अक्टूबर तक 41 राजनयिकों को वापस बुलाने के लिए कहा है।
उधर भारत ने निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंटों की संलिप्तता के बारे में दिए कनाडाई प्रधानमंत्री ट्रूडो के आरोपों को “बेतुका” बताया है और कहा है कि भारत इस घटना पर कनाडा की तरफ से मुहैया कराई जाने वाली किसी भी जानकारी पर विचार करने को तैयार है।
ट्रूडो के आरोप के तुरंत बाद, दोनों देशों ने वरिष्ठ राजनयिकों एक दूसरे के देशों से वापस बुला लिया। जबकि भारत ने कनाडाई नागरिकों के लिए सभी वीजा सेवाओं को निलंबित कर दिया और कनाडा से भारत में अपनी राजनयिक मौजूदगी को कम करने के लिए कहा।
भारत कम करेगा कनाडा के राजनयिक
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक नियमित मीडिया ब्रीफिंग में बताया, “जैसा कि हमने पहले उल्लेख किया है, कनाडाई राजनयिकों की बहुत अधिक राजनयिक मौजूदगी और हमारे आंतरिक मामलों में उनके निरंतर हस्तक्षेप को देखते हुए, हमने राजनयिकों की मौजूदगी में समानता की मांग की है। इसे हासिल करने के तौर-तरीकों पर चर्चा चल रही है।”
बागची ने कनाडा को 10 अक्टूबर तक भारत में अपने 62 राजनयिकों में से 41 को वापस बुलाने के लिए कहे जाने की खबरों से विशेष रूप से इनकार नहीं किया।
उन्होंने कहा कि वह राजनयिक बातचीत के विवरण में नहीं जाना चाहेंगे। उन्होंने कहा, “यह देखते हुए कि कनाडाई राजनयिक उपस्थिति बहुत अधिक है, हम मानेंगे कि इसमें कमी होनी चाहिए।”
यह पूछे जाने पर कि क्या कनाडाई राजनयिकों की कटौती से भारतीय नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं? इस पर बागची ने जवाब दिया, “समानता के संदर्भ में मैं स्पष्ट कर दूं, यह कनाडाई पक्ष पर निर्भर है कि वे अपने उच्चायोग में किसे नियुक्त करना चाहते हैं।”
निज्जर की हत्या का सबूत दे कनाडा
कनाडा ने निज्जर की हत्या पर आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी देने के सवाल पर बागची ने विदेश मंत्री एस जयशंकर की टिप्पणी दोहराई कि भारतीय पक्ष कनाडा द्वारा साझा की गई किसी भी विशिष्ट जानकारी पर विचार करने के लिए राजी है।
बागची ने कहा भारतीय पक्ष दो कारकों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, पहला कनाडा में भारतीय राजनयिकों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करना ताकि वे सामान्य रूप से कार्य कर सकें और दूसरा राजनयिक मौजूदगी में बराबर का अंतर होगा। कनाडा ने अब तक भारत की कार्रवाई के खिलाफ जवाबी कार्रवाई नहीं की है, और ट्रूडो ने राजनयिक तनाव को शांत करने की मांग करते हुए कहा है कि उकसाने या बढ़ाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। कनाडाई विदेश मंत्री मेलानी जोली ने कहा है कि उनका देश राजनयिक विवाद को सुलझाने के लिए भारत के साथ निजी बातचीत चाहता है।
अपने राजनयिकों सुरक्षा चाहता है भारत
राजनयिक झगड़े ने भारत-कनाडा संबंधों को खराब कर दिया है। हाल के महीनों में भारत के राजनयिकों और मिशनों को निशाना बनाने वाले खालिस्तान समर्थक तत्वों पर कार्रवाई करने में विफल रही कनाडा सरकार पहले से ही सवालों के घेरे में है। बागची ने कहा कि भारत अपने राजनयिकों और राजनयिक परिसरों की सुरक्षा के साथ-साथ भारत की सुरक्षा के मुद्दे को कनाडा और ब्रिटेन के साथ उठाता रहा है और ऐसा करना जारी रखेगा। इस संदर्भ में, उन्होंने 2 अक्टूबर को ब्रिटेन में खालिस्तान समर्थक तत्वों के विरोध प्रदर्शन का जिक्र किया और कहा कि भारत ने फिर से ब्रिटिश अधिकारियों के साथ अपने राजनयिकों और परिसरों की सुरक्षा का जिम्मा उठाया है।