भारत और कनाडा के बीच खालिस्तान को लेकर छिड़ा विवाद और तेज हो गया है।
भारत सरकार ने कनाडा के दर्जनों राजनयिकों को देश से बाहर निकलने का आदेश जारी किया है। यह अब तक का सबसे बड़ा ऐक्शन है।
फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
अखबार के मुताबिक भारत सरकार ने कनाडा से कहा कि उसके राजनयिक भारत छोड़ दें। पूरे मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि मोदी सरकार ने कहा है कि कनाडा के 40 डिप्लोमैट्स 10 अक्टूबर तक भारत छोड़ दें।
भारत सरकार ने इस बात के पहले ही संकेत दे दिए थे, जब विदेश मंत्रालय ने कहा था कि कनाडा के ज्यादा राजनयिक यहां तैनात हैं।
ऐसे में उनकी संख्या कम किए जाने की जरूरत है।
अभी कनाडा की ओर से इस पर कोई रिएक्शन नहीं आया है, लेकिन माना जा रहा है कि कनाडा से भी भारतीय डिप्लोमैट्स की संख्या में कमी आ सकती है। भारत की ओर से कनाडा के खिलाफ यह चौथा ऐक्शन है।
भारत ने सबसे पहले कनाडा के एक खुफिया अधिकारी को देश छोड़ने का आदेश दिया था। फिर वीजा सेवाओं को बंद कर दिया गया है और कनाडा के नागरिकों की भारत में एंट्री पर रोक लगा दी गई। य
ही नहीं भारत सरकार ने कनाडा की यात्रा करने वाले भारतीयों के लिए एडवाइजरी भी जारी की थी।
इस तरह मोदी सरकार ने कनाडा के खिलाफ यह चौथा कदम उठाया है। बता दें कि जून में कनाडा में एक खूंखार खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या हो गई थी। इस हत्याकांड में कनाडा ने पिछले दिनों भारतीय एजेंसियों का हाथ बताया था और फिर यह मामला यूएन तक में गूंजा। इसी के चलते दोनों देशों में तनाव है और भारत तो लगातार इन आरोपों को खारिज करता रहा है। यही नहीं विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने यूएन में कहा था कि कुछ देश राजनीतिक सुविधा को देखते हुए आतंकवाद से निपट रहे हैं, जो गलत है।
क्यों अमेरिका रख रहा सावधानी से कदम, दूसरे देश भी शांत
भारत और कनाडा के बीच पैदा हुए तनाव का असर यूरोपीय देशों और अमेरिका तक पर दिख रहा है। कनाडा के अलावा ब्रिटेन, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भी खालिस्तानी तत्व सक्रिय हैं। ऐसे में इन देशों का भी कहना है कि हमारी पूरे मामले पर नजर है। अमेरिका तो कनाडा और भारत से इस मामले को शांतिपूर्ण ढंग से निपटाने की अपील भी कर चुका है। हालांकि वह भारत जैसे अहम आर्थिक साझीदार और कनाडा जैसे नाटो मेंबर के बीच छिड़े तनाव के बीच संतुलन की नीति ही रखना चाहता है।