कनाडा ने खालिस्तानी संगठनों बब्बर खालसा और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन पर बैन लगाया है।
इसके बाद भी 5 अन्य खूंखार खालिस्तानी संगठनों पर भारत की लगातार अपील के बाद भी कोई ऐक्शन नहीं लिया है।
इन संगठनों में गुरपतवंत सिंह पन्नू का सिख्स फॉर जस्टिस, खालिस्तान कमांडो फोर्स, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स और खालिस्तान टाइगर फोर्स शामिल हैं।
इनमें से ही एक संगठन खालिस्तान लिबरेशन फोर्स भी है, जिन पर कनाडा ने कोई पाबंदी नहीं लगाई है। इन सभी खालिस्तानी संगठनों पर भारत में बैन लगा है, लेकिन कनाडा कोई ऐक्शन नहीं ले रहा है।
इनमें से ही एक खालिस्तान टाइगर फोर्स से हरदीप सिंह निज्जर जुड़ा हुआ था। इस खालिस्तानी आतंकी की जून में कनाडा के ही एक गुरुद्वारे के बाहर हत्या कर दी गई थी।
इन खालिस्तानी संगठनों के अलावा भी कई ऐसे हैं, जिन पर भारतीय एजेंसियों की नजर है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि इन संगठनों और सक्रिय तत्वों की जानकारी कनाडा के अलावा अमेरिका को भी दी गई है।
बब्बर खालसा इंटरनेशनल पर कनाडा ने पब्लिक सेफ्टी ऐक्ट के तहत बैन लगाया गया है। इसे लेकर कनाडा सरकार ने कहा था, ‘बब्बर खालसा इंटरनेशनल एक सिख आतंकवादी संगठन है, जो भारत के पंजाब राज्य को अलग करना चाहता है।
बब्बर खालसा इंटरनेशनल हथियारबंद हमलों, कत्लेआम, बम धमाकों में शामिल रहा है।’
यही नहीं कनाडा सरकार की एडवाइजरी में यह भी माना गया है कि इस संगठन के सदस्य भारत के बाहर पाकिस्तान, उत्तर अमेरिका, यूरोप में मौजूद है।
यही नहीं इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन को लेकर भी कनाडा ने माना है कि यह आतंकी संगठन है। कनाडा सरकार के मुताबिक, ‘इसका गठन 1984 में यूके में किया गया था। यह संगठन उस विचारधारा को पोषित कर रहा है, जिसका मकसद खालिस्तान के नाम से एक अलग मुल्क स्थापित करना है।’ कनाडा ने इन दो संगठनों पर 2003 में ही बैन लगा दिया था।
5 संगठनों पर फैसला नहीं, हरदीप भी इनमें से ही एक का मेंबर
इसके बाद उसने 2018 में एक बार फिर से अपने फैसले की समीक्षा की तो इन पर दोबारा बैन लगा दिया गया। लेकिन अन्य 5 संगठनों पर कनाडा ने कोई फैसला नहीं लिया बल्कि इनमें से ही एक के आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत से रिश्ते खराब करने पर आमादा है।