चीन-पाकिस्तान की कहानी, कनाडा के पत्रकार डेनियल बोर्डमैन ने बताया ट्रूडो के भारत विरोध का सच…

भारत से रिश्ते खराब करके कनाडा के प्रधानमंत्री कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो तमाम लोगों के निशाने पर आ गए हैं।

भारत समेत बाकी दुनिया से तो इसके लिए उन्हें उलाहने सुनने ही पड़ रहे हैं। साथ ही खुद कनाडा की मीडिया और पत्रकार भी उनके ऊपर सवाल उठाने लगे हैं।

इसी कड़ी में डेनियल बोर्डमैन नाम के कनाडाई पत्रकार ने जस्टिन ट्रुडो के इस कदम के पीछे का सच बयां किया है।

डेनियल बोर्डमैन के मुताबिक इसके पीछे पाकिस्तान और चीन से मिलने वाला समर्थन है। उन्होंने कहा कि हमारे टूडो ने भारत से झगड़ा क्यों शुरू किया, इसके पीछे कनाडा में यही थ्योरी चल रही है।

कोई तार्किक कदम नहीं
डेनियल बोर्डमैन ने कहा कि जस्टिन ट्रूडो भारत से क्यों उलझ रहे रहे हैं, इसको समझना कई बार बेहद मुश्किल हो जाता है। उन्होंने कहा कि उनके इस कदम की कोई भी तार्किक व्याख्या नहीं की जा सकता।

इसके पीछे कोई अहम वजह भी नजर नहीं आती। इतना ही नहीं, विदेश नीति लिहाज से भी इस कदम को कहीं से भी जायज नहीं ठहराया जा सकता है।

इसके आगे डेनियल कहते हैं कि कनाडा में इसके पीछे के संदर्भ को लेकर एक थ्योरी चल रही है। उनके मुताबिक इसमें बताया गया है कि आखिर ट्रूडो ने भारत के साथ लड़ाई की शुरुआत क्यों की होगी?

विदेशी हस्तक्षेप का मामला
डेनियल ने कहा कि कनाडा में, हमारे पास चीन से विदेशी हस्तक्षेप एक बड़ा मामला है।

देखा जाए तो यह एक बड़ा घोटाला है। कनाडाई पत्रकार ने आगे कहा कि यह जस्टिन ट्रूडो की उदारवादी पार्टी है, जिसे चुनावों में अलग-अलग जगहों पर पर सीसीपी से मदद मिल रही थी।

उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से बड़ी बात है जिसकी हमें जांच की जरूरत है।

डेनियल ने आग कहा कि इसलिए चीनी विदेशी हस्तक्षेप से ध्यान हटाने के लिए हमारे पास कनाडा में एक कहानी है, जो अनिवार्य रूप से पाकिस्तानी विदेशी हस्तक्षेप के बारे में है।

अब इस वास्तविक कहानी को कवर करने के लिए भारतीय विदेशी हस्तक्षेप की कहानी को तैयार किया जा रहा है।

भारत ने कही थी यह बात
गौरतलब है कि कनाडा की धरती पर एक खालिस्तानी अलगाववादी की हत्या को लेकर भारत पर आरोप लगाए जाने के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में आए तनाव की पृष्ठभूमि में नई दिल्ली ने गुरुवार को ओटावा से देश (भारत) में अपने राजनयिकों की संख्या कम करने को कहा।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत में कनाडाई राजनयिक कर्मचारियों की संख्या कनाडा में मौजूदा भारतीय राजनयिक कर्मचारियों की तुलना में ज्यादा है और पारस्परिक उपस्थिति के संदर्भ में संख्याबल और रैंकों में समानता होनी चाहिए।

इससे पहले भारत ने मंगलवार को कनाडा के आरोपों को बेतुका और निजी हितों से प्रेरित बताकर उन्हें सिरे से खारिज कर दिया था।

इस मामले में कनाडा द्वारा एक भारतीय अधिकारी को निष्कासित किए जाने के जवाब में उसने भी एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को देश से निष्कासित कर दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× Whatsaap