हाथी पर आगमन तो मुर्गे पर सवार होकर प्रस्थान करेंगी मां दुर्गा, जानें इसके मायने…

वीण नंगिया (ज्योतिष सलाहकार):

हिंदू धर्म में नवरात्रि के पावन पर्व का बहुत महत्व है।

हर वर्ष दो प्रत्यक्ष नवरात्रि आते हैं, चैत्र व शारदीय नवरात्रि।

नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की उपासना की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवरात्रि प्रारंभ होते हैं।

नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि यानी पहले दिन घटस्थापना या कलश स्थापना भी की जाती है। मान्यता है कि मां भगवती की नवरात्रि में उपासना करने से सुख-समृद्धि व ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।

शारदीय नवरात्रि कब से हो रहे प्रारंभ-

हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 14 अक्टूबर को रात 11 बजकर 24 मिनट से होगी और 16 अक्टूबर को मध्य रात्रि 12 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में उदया तिथि में 15 अक्टूबर को शारदीय नवरात्रि का पर्व प्रारंभ होगा। इस साल शारदीय नवरात्रि के पहले दिन चित्रा व स्वाति नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र में इन नक्षत्रों को शुभ कार्यों के लिए उत्तम माना गया है।

शारदीय नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त 2023-

शास्त्रों के अनुसार, अभिजित मुहूर्त के दौरान घटस्थापना मुहूर्त तय होता है। घटस्थापना प्रतिपदा तिथि पर ही की जाती है। इस साल घटस्थापना मुहूर्त चित्रा नक्षत्र के दौरान है। घटस्थापना का शुभ मुहूर्त 15 अक्टूबर को सुबह 11 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक है। घटस्थापना मुहूर्त की कुल अवधि 46 मिनट की है।

कब से कब तक रहेगा चित्रा नक्षत्र-

चित्रा नक्षत्र प्रारम्भ – अक्टूबर 14, 2023 को 04:24 पी एम बजे
चित्रा नक्षत्र समाप्त – अक्टूबर 15, 2023 को 06:13 पी एम बजे

हाथी पर मां का होगा आगमन-

मां दुर्गा इस साल शारदीय नवरात्रि पर सिंह पर नहीं बल्कि हाथी पर सवार होकर आएंगी।

मां दुर्गा के प्रस्थान की सवारी व उसके संकेत-

अगर नवरात्रि का समापन रविवार और सोमवार के दिन होता है तो मां दुर्गा भैंसे पर सवार होकर जाती हैं, जिसे शुभ नहीं माना जाता है। शनिवार और मंगलवार को नवरात्रि समाप्त होते हैं तो मां दुर्गा मुर्गे की सवारी करती हैं। यह वाहन दुख और कष्ट का संकेत देता है। बुधवार और शुक्रवार को नवरात्रि खत्म होते हैं तो मां हाथी पर जाती हैं, जो कि अधिक वर्षा का संकेत देता है। अगर नवरात्रि गुरुवार को समाप्त होते हैं तो माता रानी मनुष्य के ऊपर सवार होकर जाती हैं, जो कि सुख-समृद्धि में वृद्धि का संकेत देता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× Whatsaap