कनाडा में एक सिख अलगाववादी की हत्या में भारत की संलिप्तता के कनाडाई प्रधानमंत्री के आरोप ने संयुक्त राज्य अमेरिका को चिंतित कर दिया है क्योंकि इस आरोप के बाद उसके दो प्रमुख सहयोगियों के बीच तेजी से रिश्तों में दरार आई है।
सबसे पहले सोमवार को कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आश्चर्यजनक आरोप लगाया कि कनाडा की धरती पर एक कनाडाई नागरिक, सिख अलगाववादी की हत्या में “भारत सरकार के एजेंट” शामिल थे।
इसके बाद भारत ने इसका जोरदार खंडन किया और आरोप लगाया गया कि कनाडा ऐसे अलगाववादियों और उग्रवादियों के लिए स्वर्ग है।
इस विवाद और तल्ख बयानों के बीच दोनों देशों ने अपने-अपने यहां से एक-दूसरे के राजनयिकों को निष्कासित कर दिया।
बड़ी बात यह है कि जस्टिन ट्रूडो ने ऐसे वक्त में भारत पर ये आरोप लगाए हैं, जब संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक होने जा रही और उससे पहले राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पिछले कुछ महीनों में भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ काफी समय बिताया है। प्रेसिडेंट बाइडेन ने भारत को ऐसे समय में अपने करीब लाने की कोशिश की है, जब यूक्रेन युद्ध के बावजूद भारत ने रूस से संबंध तोड़ने से इनकार कर दिया।
दरअसल, अमेरिका भारत को एशिया में एक महत्वपूर्ण देश और वैश्विक ताकत के रूप में देखता है क्योंकि मॉस्को और बीजिंग के साथ वाशिंगटन की भू-राजनीतिक लड़ाई जारी है और इस परिदृश्य में भारत उसे लुभाता रहा है।
कनाडा और भारत के बीच चौड़ी होती खाई से बाइडेन एक अजीब स्थिति में हैं और वैश्विक संबंधों में एक ताकत बनने के भारत के प्रयासों को वह झटका दे सकते हैं।
NYT की रिपोर्ट के मुताबिक, ओटावा यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और जस्टिन ट्रूडो के पूर्व विदेश नीति सलाहकार रोलैंड पेरिस ने कहा, “अगर यह भारत सरकार द्वारा प्रायोजित एक ऑपरेशन साबित होता है, तो निश्चित रूप से यह उसके उस प्रयास को धूमिल कर सकता है, जिसके तहत भारत अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में खुद को एक बड़ी शक्ति के रूप में स्थापित करने की कोशिश कर रहा है।”
उन्होंने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में कई कनाडाई आक्रोश व्यक्त करने के लिए कनाडा के निकटतम साझेदारों खासकर अमेरिका की ओर देख रहे हैं। बाइडेन ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन के दौरान इस हत्या का जिक्र नहीं किया लेकिन अमेरिकी विदेश विभाग के एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका कनाडा के साथ निकट संपर्क में है। अधिकारी ने संयुक्त राष्ट्र में एक ब्रीफिंग के दौरान कहा, “हम आरोपों को लेकर काफी चिंतित हैं।” “हमें लगता है कि यह महत्वपूर्ण है और मामले की पूर्ण और खुली जांच हो और हम भारत सरकार से इसमें सहयोग करने का आग्रह करेंगे।”
संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के लिए न्यूयॉर्क जाने से पहले मंगलवार की सुबह जस्टिन ट्रूडो ने भारत के इनकार को खारिज कर दिया और फिर से अपनी हत्या के आरोप को गंभीरता से लेने का आह्वान किया था।