विज्ञान और तकनीक के जरिए मानव कल्याण के लिए काफी काम हो रहा है।
कोरोना वायरस महामारी के दौरान विज्ञान ने वैक्सीन इजाद कर लोगों को एक नया जीवन दिया। अब लगभग लाइलाज कही जाने वाली बीमारी कैंसर के लिए भी एक खास इंजेक्शन का इजाद किया जा रहा है, जो मरीज के शरीर के अंदर जाकर कैंसर कोशिकाओं से लड़ सकता है, और कैंसर की कोशिकाओं को ढूंढ़ कर उसे नष्ट कर सकता है।
यूके की एक हेल्थ सर्विस कंपनी राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) द्वारा इस कैंसर रोधी उपाय शुरू किया गया है।
वैज्ञानिकों का दावा है कि कैंसर के उपचार के समय को तीन-चौथाई तक कम कर सकता है। एक बयान में कहा गया है कि वैक्सीन को मेडिसिन एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (एमएचआरए) द्वारा मंजूरी दे दी गई है।
यह डोज इम्यूनोथेरेपी प्रक्रिया के तहत दिया जाता है। डॉक्टरों का दावा है कि पिछले दशक में इम्यूनोथेरेपी कैंसर के देखभाल में सबसे बड़ी क्रांति के रूप में उभरी है, जिससे मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट को कई मुश्किल इलाज वाले या दुर्लभ कैंसर का इलाज करने में मदद मिलती है। अब इसे सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी और टारगेट थेरेपी के साथ-साथ कैंसर थेरेपी की पांचवीं पद्धति के रूप में गिना जाता है।
इंग्लैंड में होने वाली है शुरुआत
इंग्लैंड की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली का अनुमान है कि इंग्लैंड में लगभग 3,600 रोगियों में से अधिकांश अपना समय बचाने के लिए इंजेक्शन के विकल्प का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह इंजेक्शन रोगी की अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने में को कैंसर कोशिकाओं को खोजने और नष्ट करने के लिए सशक्त बनाती है। यह दवा फेफड़े, स्तन, यकृत और मूत्राशय सहित विभिन्न प्रकार के कैंसर से पीड़ित रोगियों को दी जाती है।