राजीव गांधी हत्याकांड में जिन दोषियों को रिहा किया गया था, उनमें से चार श्रीलंका के हैं। रिहाई के बाद से लगातार वह भारत में ही रह रहे हैं।
केंद्र सरकार ने इस बीच मद्रास हाईकोर्ट को बचाया कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री हत्याकांड में रिहा किए गए चार दोषियों को श्रीलंका भेजने के लिए कदम उठा रहा है।
आपको बता दें कि आमतौर पर, भारतीय जेलों से रिहा किए गए दोषियों को वैध पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज होने पर तुरंत उनके मूल देश में भेज दिया जाता है।
इस केस में केंद्र सरकार ने अदालत को बताया कि चूंकि श्रीहरन उर्फ मुरुगन, जयकुमार, संथन उर्फ सुथेंथिराजा और रॉबर्ट पायस ने बिना पासपोर्ट के अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया था, इसलिए उन्हें उनके देश निर्वासित नहीं किया जा सकता था।
केंद्र सरकार ने कहा, “हमने चार व्यक्तियों को पासपोर्ट प्रदान करने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने के लिए श्रीलंकाई उच्चायोग को एक पत्र भेजा है। एक बार दस्तावेजों की व्यवस्था हो जाने के बाद उन्हें श्रीलंका वापस भेज दिया जाएगा।”
श्रीहरन की पत्नी एस नलानी द्वारा दायर एक याचिका पर केंद्र सरकार का यह जवाब आया है। उन्होंने अपने पति को श्रीलंका भेजने की मांग की थी। आपको बता दें कि श्रीहरन वर्तमान में त्रिची में विदेशियों के लिए एक विशेष शिविर में रह रहे हैं। उन्हें आवेदन करने के लिए चेन्नई में श्रीलंकाई मिशन तक जाने की छूट मिली हुई है।
श्रीहरन की पत्नी ने दावा किया है कि उसने हाईकोर्ट का दरवाजा इसलिए खटखटाया क्योंकि विशेष शिविर के अधिकारियों ने उनके पति को यात्रा की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।