यूरोपीय केंद्रीय बैंक ने अत्यधिक उच्च मुद्रास्फीति यानी महंगाई के खिलाफ अपनी लड़ाई तेज करते हुए गुरुवार को प्रमुख ब्याज दर को बढ़ाकर रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंचा दिया।
यूरोपीय केंद्रीय बैंक ने यह कदम ऐसे समय उठाया है, जबकि आशंका जताई जा रही है कि कर्ज की ऊंची लागत से अर्थव्यवस्था मंदी की गिरफ्त में जा सकती है।
ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि ऐसे समय की गई है, जब अमेरिकी फेडरल रिजर्व सहित दुनियाभर के केंद्रीय बैंक यह आकलन करने की कोशिश कर रहे हैं कि ‘मुद्रास्फीति-रोधी’ दवा कितनी दी जा सकती है। और कब दरों में वृद्धि को रोका जा सकता है।
लंबी लड़ाई में अंतिम कदम: ब्याज दरें सर्वकालिक रिकॉर्ड-उच्च स्तर पर हैं और संकेत दिया गया है कि अत्यधिक मुद्रास्फीति के खिलाफ एक साल से अधिक लंबी लड़ाई में यह संभवतः ईसीबी का अंतिम कदम होगा।
इस निर्णय से ईसीबी की बेंचमार्क जमा दर 4 प्रतिशत तक बढ़ गई है, जो कि एक साल पहले के शून्य से 0.5 प्रतिशत से काफी अधिक है और 1999 में यूरो की स्थापना के बाद से उच्चतम है।
यूरो एरिया की अर्थव्यवस्था अब इस वर्ष 0.7 प्रतिशत, 2024 में 1.0 प्रतिशत और 2025 में 1.5 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है। यूरो क्षेत्र की अर्थव्यवस्था पिछले साल से मंदी के कगार पर है, इस वर्ष की पहली दो तिमाहियों में केवल 0.1 प्रतिशत की वृद्धि हो रही है। नए आर्थिक अनुमान मुद्रास्फीतिजनित मंदी की आशंकाओं को जन्म देते हैं।