उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने के लिए सुरक्षा कवच वाली ट्रेन से वहां पहुंचे।
पश्चिमी देशों के साथ बढ़ते गतिरोध के मद्देनजर दोनों नेताओं को समर्थन की जरूरत महसूस होने के बीच उनकी मुलाकात होने वाली है।
इस बीच, भारत में दक्षिण कोरिया के राजदूत चांग जे बोक ने मंगलवार को कहा कि उत्तर कोरिया परमाणु शस्त्रागार के जरिए एक तरह से ‘खुद का अस्तित्व कायम रखने का खेल’ खेल रहा है। अगर वह रूस को हथियार मुहैया कराता है तो यह बहुत खतरनाक होगा।
चांग ने संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा, ‘उत्तर कोरिया परमाणु शस्त्रागार के साथ खुद को अस्तित्व में बनाए रखने का खेल खेल रहा है। अगर उत्तर कोरिया रूस को कुछ हथियार या गोला-बारूद प्रदान करता है तो यह बहुत खतरनाक होगा।
इसलिए हम इसे लेकर बहुत सतर्क हैं।’ राजदूत ने कहा कि हम उत्तर कोरियाई शासन को पहले ही चेतावनी जारी कर चुके हैं। राजदूत ने भारत को जी20 की अध्यक्षता पर बधाई देते हुए कहा कि भारत वैश्विक स्तर पर मार्गदर्शक बनेगा।
हथियार सौदा प्रतिबंधों का होगा उल्लंघन
किम जोंग उन की ओर से अपने देश के लिए आर्थिक सहयोग और सैन्य प्रौद्योगिकी मांगे जाने की उम्मीद है। ऐसा प्रतीत होता है कि पुतिन को यूक्रेन में छापामार युद्ध के लिए युद्ध सामग्री की जरूरत है।
यह मुलाकात उत्तर कोरियाई नेता के लिए संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध और राजनयिक रूप से अलग-थलग पड़ने से निजात पाने के लिए एक अवसर है।
पुतिन के लिए यह अपना गोलाबारूद भंडार भरने का अवसर है, जो रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते खाली हो गया है। उत्तर कोरिया के साथ कोई भी हथियार सौदा प्रतिबंधों का उल्लंघन करेगा।
किम के साथ कुछ मंत्री और सैन्य अधिकारी
उत्तर कोरिया की आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने कहा कि किम रविवार दोपहर अपनी एक विशेष ट्रेन से रूस रवाना हुए।
उनके साथ कुछ मंत्री और सेना के अधिकारी भी हैं। उनका अंतिम गंतव्य अनिश्चित है। कइयों ने यह अनुमान लगाया है कि किम और पुतिन व्लादिस्वोस्तोक में मिल सकते हैं, जो सीमा के नजदीक एक रूसी शहर है।
जहां दोनों नेताओं ने पिछली बार 2019 में मुलाकात की थी। पुतिन एक आर्थिक मंच की बैठक के लिए इस हफ्ते वहां की यात्रा कर रहे हैं।
रूसी राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने केवल इस बात की पुष्टि की है कि किम रूस में प्रवेश कर चुके हैं।