प्रवीण नांगिया (ज्योतिष सलाहकार):
हिंदू धर्म में हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होकर अनंत चतुर्दशी तक गणेश महोत्सव मनाया जाता है।
10 दिन तक चलने वाले इस त्योहार में शुभ मुहूर्त के दौरान घर के मंदिर या पूजा-पंडालों में गणेशजी की मूर्ति स्थापित की जाती है। गणेश जी की श्रद्धापूर्वक पूजा-अर्चना होती है।
इसके बाद दसवें दिन यानी अनंतचतुदर्शी के दिन गणेश जी की मूर्ति को विसर्जित किया जाता है। देशभर में गणेश चतुर्थी बड़े ही जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है। चलिए इस साल गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त, मूर्ति स्थापना का शुभ योग और पूजा विधि जानते हैं।
गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त: वैदिक पंचाग के अनुसार, इस साल भाद्रपद माह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 18 सिंतबर को दोपहर 2 बजकर 9 मिनट पर होगी और 19 सिंतबर को दोपहर 3 बजकर 13 मिनट पर समाप्त होगी।
उदया तिथि के अनुसार, इस साल 19 सिंतबर को गणेश उत्सव का आरंभ होगा। वहीं 28 सिंतबर को अनंत चतुर्थी के दिन गणेशजी की मूर्ति विसर्जित की जाएगी।
मूर्ति स्थापना का शुभ समय: इस साल 19 सिंतबर को सुबह 11 बजकर 7 मिनट से दोपहर 1 बजकर 34 मिनट तर गणेश स्थापना का शुभ मुहूर्त बन रहा है। इस शुभ योग में आप भी बड़े धूमधाम से गणेश जी की प्रतिमा स्थापित कर सकते हैं।
गणेश चतुर्थी पर शुभ योग: इस साल गणेश चतुर्थी पर यानी 19 सिंतबर 2023 को कई शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन दोपहर 1 बजे तक स्वाति नक्षत्र का भी शुभ योग रहेगा। इसके बाद विशाखा नक्षत्र भी रात तक रहेगा।
गणेश स्थापना की पूजा विधि:
गणेश चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठें। स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
घर का मंदिर साफ कर लें। एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछा दें।
अब शुभ मुहूर्त में पूर्व या उत्तर दिशा में गणेशजी की मूर्ति स्थापित करें।
गणेश जी की प्रतिमा के बगल रिद्धि-सिद्धि को स्थापित करें।
अब गणेशजी को हल्दी, दूर्वा, इत्र, मोदक, चंदन, अक्षत समेत सभी पूजन सामग्री चढ़ाएं।
गणेश जी को धूप-दीप दिखाएं और गणेश जी के साथ सभी देवताओं की आरती उतारें।
पूजा के पश्चात गणेश जी के मंत्र ‘ऊँ गं गणपतये नमः’ का जाप कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।