हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक की तर्ज पर कांग्रेस तेलंगाना विधानसभा चुनाव में भी पांच गारंटियां देगी।
पार्टी 17 सितंबर को पांच गारंटियों के ऐलान के साथ विधानसभा चुनाव प्रचार की शुरुआत करेगी।
इसके साथ पार्टी हर विधानसभा क्षेत्र में अपनी गारंटियों के साथ भारतीय राष्ट्रीय समिति (बीआरएस) की प्रदेश सरकार की विफलताओं को भी मतदाताओं तक पहुंचाएगी।
कांग्रेस तेलंगाना विधानसभा चुनाव में दो लाख रुपए तक किसानों की कर्ज माफी, चार हजार रुपए तक बेरोजगारी भत्ता, धान की फसल की खरीद की एमएसपी से ज्यादा कीमत पर खरीद की गारंटी, परिवार की महिला मुखिया को दो हजार रुपए प्रति माह देने और पांच सौ रुपए रसोई गैस सिलेंडर की गारंटी दे सकती है।
पार्टी 17 सितंबर को हैदराबाद के पास रैली में इन गारंटियों का ऐलान करेगी।
पार्टी ने विधानसभा चुनाव प्रचार की शुरुआत के लिए 17 सितंबर की तिथि जानबूझकर तय की है। क्योंकि, 17 सितंबर 1947 में हैदराबाद राज्य के भारत में विलय की सालगिरह है।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव इस दिन को एकता दिवस के रूप में मनाते हैं। ऐसे में चुनावी रैली में पार्टी तेलंगाना राज्य के निर्माण में कांग्रेस नेतृत्व की भूमिका को भी उजागर करेगी।
चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत से पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में नई कांग्रेस कार्यसमिति की पहली बैठक 16 सितंबर को हैदराबाद में होगी।
इसके बाद 17 सितंबर को सीडब्ल्यूसी की विस्तारित बैठक बुलाई गई है। बैठक में सभी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और विधायक दल के नेता हिस्सा लेंगे।
इसके बाद होने वाली रैली में दिवंगत वाईएस राजशेखर रेड्डी की बेटी शर्मिला औपचारिक तौर पर कांग्रेस में अपनी पार्टी का विलय कर सकती हैं।
भाजपा 17 सितंबर को मुक्ति दिवस के रूप में मनाती है। पिछले साल केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हैदराबाद में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। वहीं, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी तेलंगाना किसान सशस्त्र संघर्ष (1946-51) की याद में 11 से 17 सितंबर कर कई कार्यक्रम कर रही है।
इस संघर्ष का नेतृत्व कम्युनिस्ट नेताओं ने किया था। भाकपा का कहना है कि इस संघर्ष ने निजाम को हैदराबाद राज्य को भारत में विलय करने के लिए मजबूर किया था।
वहीं, एआईएमआईएम इस दिन जनसभा कर राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर मनाएगी।