चीन ने हाल ही में आधिकारिक तौर पर अपने ‘मानक मानचित्र’ (स्टैंडर्ड मैप) के 2023 संस्करण को जारी किया।
चीन के इस नापाक कदम से कई देश भड़क गए। इनमें भारत के अलावा, मलेशिया और फिलीपींस भी शामिल है।
दरअसल चीन ने जो नया मैप जारी किया है उसमें अरुणाचल प्रदेश, अक्साई चिन क्षेत्र, ताइवान और विवादित दक्षिण चीन सागर पर उसके दावों सहित अन्य विवादित क्षेत्रों को शामिल किया गया है।
भारत ने बार-बार कहा है कि अरुणाचल प्रदेश उसका अभिन्न अंग है और हमेशा रहेगा।
चट्टानी इलाकों पर सैन्य चौकियां
अब मलेशिया और फिलीपींस ने भी चीनी नक्शे पर कड़ी आपत्ति जताई है। मलेशिया ने ‘चीन के मानक मानचित्र’ को सिरे से खारिज कर दिया है।
चीनी मानचित्र में मलेशियाई बोर्नियो के तट से लगे क्षेत्रों सहित लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर दावा किया गया है। रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण दक्षिण चीन सागर को लेकर तनाव बढ़ रहा है।
चीन 2016 के अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले के बावजूद अपने दावे पर अधिक मुखर हो गया है।
हाल के वर्षों में, चीन ने चट्टानी इलाकों पर सैन्य चौकियां बनाई हैं और अपने तट रक्षक और समुद्री मिलिशिया को तैनात किया है।
इसके कारण कभी-कभी मलेशिया और फिलीपींस सहित अन्य दावेदारों के साथ टकराव होता है। वियतनाम, ब्रुनेई और ताइवान भी इस समुद्र पर अपना दावा करते हैं।
चीनी नक्शे पर भड़का मलेशियाई
मलेशिया ने नए चीनी नक्शे पर प्रतिक्रिया दी है। नक्शे में स्पष्ट रूप से नाइन-डैश लाइन को दर्शाया गया है। यह चीन के “एकतरफा समुद्री दावों” को दर्शाता है। वहीं दूसरी तरफ मलेशिया दावा करता है कि यह इलाका उसके सबा और सारावाक राज्यों का है।
मलेशियाई विदेश मंत्रालय ने गुरुवार रात एक बयान में कहा, “मलेशिया दक्षिण चीन सागर में चीन के दावों को मान्यता नहीं देता है।
‘चीन के मानक मानचित्र के 2023 संस्करण’ में उल्लिखित यह क्षेत्र मलेशियाई समुद्री क्षेत्र तक फैला हुआ है। मानचित्र का मलेशिया पर कोई बाध्यकारी प्रभाव नहीं है।”
भारत पहले की कर चुका है खारिज
भारत ने अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को चीन के मानचित्र में दिखाये जाने के संबंध में पड़ोसी देश के दावों को मंगलवार को ‘आधारहीन’ बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि चीनी पक्ष के ऐसे कदम सीमा से जुड़े विषय को केवल जटिल ही बनाएंगे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने चीन के तथाकथित ‘मानक मानचित्र’ के 2023 के संस्करण के बारे में पूछे गये सवालों पर अपने बयान में कहा, ‘‘हमने चीन के तथाकथित ‘मानक मानचित्र’ के 2023 के संस्करण पर राजनयिक माध्यमों के जरिये आज कड़ा विरोध दर्ज कराया है जो भारतीय क्षेत्र पर दावा करता है।’’
बागची ने कहा, ‘‘ हम इन दावों को खारिज करते हैं जिसका कोई आधार नहीं है। चीनी पक्ष के ऐसे कदम सीमा से जुड़े विषय को केवल जटिल ही बनायेंगे।’’
फिलीपींस ने खारिज किया चीनी नक्शा
फिलीपींस चीन के नए नक्शे पर आपत्ति जताने वाला एक और पड़ोसी देश है। फिलीपींस ने गुरुवार को कहा कि वह चीनी मानचित्र को “खारिज” करता है क्योंकि इसमें दक्षिण चीन सागर के विवादित क्षेत्रों के आसपास एक रेखा शामिल थी। फिलीपींस के विदेश मामलों के विभाग ने एक बयान में कहा, “यह नक्शा फिलीपीन फैसिलिटी और समुद्री क्षेत्रों पर चीन की कथित संप्रभुता और अधिकार क्षेत्र को वैध बनाने का नवीनतम प्रयास है (और) इसका अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत कोई आधार नहीं है।”
वियतनाम ने चीन के नए मानचित्र का विरोध किया
वियतनाम की सरकारी समाचार वेबसाइट पर पोस्ट किए गए एक बयान के अनुसार, वियतनाम ने कहा कि इस सप्ताह जारी किया गया चीन का आधिकारिक नक्शा स्प्रैटली और पारासेल द्वीपों पर उसकी संप्रभुता और उसके जल क्षेत्र पर अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन करता है। वियतनाम के विदेश मामलों के मंत्रालय के प्रवक्ता फाम थू हैंग के हवाले से बयान में कहा गया है कि मानचित्र पर नाइन डैश लाइन के आधार पर चीन की संप्रभुता और समुद्री दावे “अमान्य” हैं। हैंग ने बयान में कहा, वियतनाम “बिंदीदार रेखा के आधार पर दक्षिण चीन सागर में चीन के सभी दावों का दृढ़ता से विरोध करता है।”
क्या है नाइन-डैश लाइन?
नाइन-डैश लाइन को ताइवान द्वारा इलेवन-डैश लाइन भी कहा जाता है। वर्ष 1949 से ही चीन नाइन-डैश लाइन के माध्यम से दक्षिण चीन सागर के अधिकांश भाग (लगभग 80%) पर अपने अधिकार का दावा करता रहा है। चीन ने साल 1958 में एक घोषणापत्र जारी किया था। इसमें नाईन डैश लाइन के आधार पर दक्षिण चीन सागर के द्वीपों पर अपना दावा किया गया। चीन के इस दावे से वियतनाम के स्पार्टली और पार्सल द्वीप समूह नाईन डैश लाइन (Nine Dash Line) के अंतर्गत समाहित हो गए। यह चीन और वियतनाम के अलावा अन्य पड़ोसी देशों के बीच विवाद का प्रमुख कारण है।
चीन ने अपने नए नक्शे का किया बचाव
चीन ने अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को अपने क्षेत्र के हिस्से के रूप में दिखाने वाले 2023 के लिए एक नया ‘मानक मानचित्र’ जारी करने के अपने कदम का बचाव करते हुए बुधवार को कहा कि उसके कानून के अनुसार यह एक ‘नियमित कवायद’ है और भारत से ‘पूर्वाग्रह से दूर एवं शांत बने रहने’ तथा इसका ‘ज्यादा अर्थ निकालने’ से बचने का आग्रह किया। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने बुधवार को बीजिंग में मीडिया ब्रीफिंग में कहा, “23 अगस्त को, चीन के राष्ट्रीय संसाधन मंत्रालय ने मानक नक्शे का 2023 संस्करण जारी किया।” वांग ने कहा, “कानून के अनुसार, चीन की संप्रभुता के तहत यह एक नियमित कवायद है। हमें उम्मीद है कि संबंधित पक्ष पूर्वाग्रह से दूर और शांत रह सकते हैं, और इसका ज्यादा अर्थ निकालने से दूर रह सकते हैं।”