भारत समेत पूरी दुनिया के लिए विवाद पैदा कर रहे चीन की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं।
दरअसल, क्वाड समूह के विदेश मंत्रियों, जिसमें भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका शामिल हैं, के अगले महीने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर मिलने की संभावना है।
इस बैठक से परिचित लोगों ने यह जानकारी दी है। इस बैठक में चीन के खिलाफ माहौल भी तैयार हो सकता है।
सूत्रों के अनुसार, विदेश मंत्रियों की इस बैठक में इंडो-पैसिफिक रीजन में चीन की बढ़ती आक्रामकता की पृष्ठभूमि के खिलाफ एक स्वतंत्र और खुले क्षेत्र को सुनिश्चित करने के लिए चार देशों के बीच सहयोग की समीक्षा किए जाने की उम्मीद है।
क्वाड सदस्य अब भी बैठक के संबंध में चर्चा कर रहे हैं और अभी तारीख तय नहीं की गई है।
इस मामले से परिचित एक शख्स ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर कहा कि चारों देशों के विदेश मंत्रियों की यह बैठक संभव है, हालांकि इसकी अभी पुष्टि नहीं हुई है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा का वार्षिक सत्र 19 सितंबर को शुरू होने वाला है।
यदि यह बैठक होती है तो इंडो-पैसिफिक की प्रमुख चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए 3 मार्च को नई दिल्ली में इकट्ठा होने के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर, ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग, जापानी विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की यह पहली बैठक होगी।
इस बैठक में पिछले डेढ़ साल से चल रहे रूस और यूक्रेन युद्ध संकट के भी उठने की उम्मीद है। रूस ने पिछले साल फरवरी महीने में यूक्रेन के खिलाफ युद्ध शुरू कर दिया था।
तब से अब तक यूक्रेन के कई शहरों पर मिसाइलें दागी जा चुकी हैं। इस युद्ध में कई लोगों की मौत हो चुकी है। पश्चिम देश रूस के खिलाफ हैं, जिसके चलते कई कड़ी पाबंदियां तक लगा चुके हैं।
वहीं, मार्च में हुई अपनी बैठक में, विदेश मंत्रियों ने यूक्रेन संघर्ष के संदर्भ में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के खतरे की निंदा की और दक्षिण और पूर्वी चीन सागर में यथास्थिति को बदलने या तनाव बढ़ाने के लिए एकतरफा कार्रवाई का विरोध किया था।
बता दें कि चीन अपने आक्रामक व्यवहार के चलते दुनियाभर में किरकिरी करवाता रहा है।
पूर्वी लद्दाख की एलएसी पर भी जहां तीन साल से ज्यादा भारत और चीन आमने-सामने की स्थिति में हैं तो वहीं, अरुणाचल प्रदेश को लेकर जारी किए गए ताजा मैप के बाद विवाद और बढ़ गया है।
वहीं, साउथ चाइना सी पर भी चीन अपना कब्जा जमाता है, जिसपर पश्चिमी देश खुलकर उसका विरोध करते हैं।
हाल ही में साउथ चाइना सी में फिलीपीन के एक जहाज के खिलाफ चीनी तट रक्षक जहाज द्वारा पानी की बौछार के इस्तेमाल से भी तनाव पैदा हो गया था।