चंद्रयान 3 के जरिए चांद की सतह पर पहुंचे प्रज्ञान रोवर की चहलकदमी जारी है।
खास बात है कि सतह पर चीन का युतु 2 रोवर भी काम कर रहा है।
इसके साथ ही सवालों का दौर शुरू हो गया है कि क्या दोनों का चंद्रमा पर आमना-सामना होगा या नहीं। फिलहाल, चांद की सतह पर भारत के अलावा सिर्फ चीन का रोवर ही सक्रिय है, जिसे साल 2019 में भेजा गया था।
कितनी दूरी पर हैं दोनों रोवर?
3 जनवरी 2019 को साउथ पोल-एटकिन बेसिन में चीन का चांग ई-4 वॉन कारमन क्रेटर में लैंड हुआ।
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन यानी NASA के मुताबिक, लैंडिंग के कॉर्डिनेट्स 45.4561 S लैटिट्यूड और 177.5885 E लॉन्गटिट्यूड थे।
जबकि, चंद्रयान 3 ने 69.367621 S और 32.348126 E में उतरने की योजना बनाई थी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का कहना है कि चंद्रयान 3 तय इलाके में ही उतरा है।
हैदराबाद के XDLINX के सैयद अहमद बताते हैं कि दोनों रोवर्स के बीच दूरी करीब 1948 किमी है। वहीं, जानकार शानमुगा सुब्रमण्यम ने अनुमान लगाया है कि दोनों के बीच दूरी 1890 किमी के आसपास हो सकती है। साथ ही उन्होंने जानकारी दी है कि यह पहली बार है, जब पृथ्वी के दो रोवर पहली बार चांद पर हों।
क्या दोनों की होगी मुलाकात?हालांकि, इस बात की संभावनाएं न के ही बराबर हैं कि दोनों रोवर्स का आमना-सामना होगा। प्रज्ञान रोवर दक्षिणी ध्रुव के पास है और यह सिर्फ अपने लैंडर विक्रम से 500 मीटर की दूरी तक ही जा सकता है।
वहीं, चीन का रोवर भी लैंडिंग साइट के आसपास ही है। प्रज्ञान रोवर चांद पर एक दिन (पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर) काम करेगा। जबकि, युतु 2 वहां 2019 से ही काम कर रहा है।