G-20 समिट के लिए आएंगे कनाडाई PM जस्टिन ट्रूडो, पर यूक्रेन मसले पर भारत से नाराज…

कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत में आगामी जी20 शिखर सम्मेलन में अपनी भागीदारी की पुष्टि की है।

लेकिन, यूक्रेन को समिट के लिए नहीं बुलाने पर ट्रूडो नाराज हैं। हाल ही में उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडोमिर जेंलेस्की से फोन पर बात की।

कहा कि वो एक हफ्ते भारत में रहेंगे लेकिन, निराशा यह है कि यूक्रेन को इसमें शामिल नहीं किया गया है। कनाडाई पीएम ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि जी-20 समिट के लिए भारत ने यूक्रेन को न्योता नहीं दिया है।

उधर, भारत ने रूसी प्रमुख को आमंत्रित किया था लेकिन, व्लादिमीर पुतिन ने भारत आने से इनकार कर दिया है।

हाल ही में यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ टेलीफोन पर बातचीत में कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने यह सुनिश्चित करने का वादा किया कि कीव की चिंताओं पर उचित ध्यान दिया जाए और महत्वपूर्ण वैश्विक आर्थिक मंच से अनुपस्थिति के बावजूद दुनिया यूक्रेन के साथ खड़ी है।

उन्होंने कहा, “मैं एक सप्ताह में जी20 में रहूंगा और मुझे निराशा है कि आपको इसमें शामिल नहीं किया जाएगा। लेकिन जैसा कि आप जानते हैं, हम आपके लिए दृढ़ता से बोलेंगे। और हम यह सुनिश्चित करना जारी रखेंगे कि कनाडा के समान दुनिया आपके साथ खड़ी हो।”

प्रधान मंत्री ट्रूडो ने गुरुवार को राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की से कहा, “मैं जल्द ही आपसे दोबारा बात करने के लिए उत्सुक हूं।”

जापान जी-20 समिट में पहुंचे थे जेलेंस्की
कनाडाई पीएम की टिप्पणी भारत के विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर के उस खुलासे के जवाब में आई, जिसमें कहा गया था कि नौ अन्य पर्यवेक्षक देशों को निमंत्रण मिलने के बावजूद यूक्रेन को पर्यवेक्षक राष्ट्र के रूप में बैठक में आमंत्रित नहीं किया जाएगा।

ज़ेलेंस्की के प्रति ट्रूडो की प्रतिबद्धता यूक्रेन की स्थिति के आसपास अंतरराष्ट्रीय तात्कालिकता के निर्माण के बीच आई है, जिसका इस साल की शुरुआत में जापान में जी7 शिखर सम्मेलन में स्वागत किया गया था, जिससे लगातार आर्थिक और सैन्य समर्थन प्राप्त हुआ। G20 के लिए निमंत्रण नहीं दिए जाने के बावजूद, ज़ेलेंस्की को कई अंतरराष्ट्रीय नेताओं का निरंतर समर्थन मिल रहा है।

यूक्रेन को नहीं बुलाने के पीछे की वजह
भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने यूक्रेन के बहिष्कार का बचाव करते हुए कहा है कि जी20 मुख्य रूप से एक आर्थिक मंच है न कि संघर्ष समाधान का मंच।

भारत के जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने यूक्रेन में युद्ध पर शिखर सम्मेलन में आर्थिक और विकासात्मक विषयों को प्राथमिकता देने पर भारत के फोकस को और मजबूत किया। इन असफलताओं के बावजूद, ट्रूडो जैसे नेताओं के आश्वासन कीव को आशा प्रदान करते हैं।

रूस ने जी-20 समिट से किया किनारा
एक तरफ भारत ने जी-20 समिट के लिए यू्क्रेन को नहीं बुलाया है तो दूसरी तरफ रूस को आमंत्रण तो भेजा लेकिन, पुतिन की तरफ से भारत आने से इनकार कर दिया है।

रूस ने इस मामले में सफाई दी है कि इस वक्त पुतिन का य़ूक्रेन युद्ध के बीच कहीं और जाना देशहित में नहीं है। उधर, वैगनर ग्रुप के प्रमुख येवगेनी विक्टरोविच प्रिगोझिन की विमान दुर्घटना में मौत के बाद ग्रुप के लड़ाके भड़के हुए हैं।

जिन्हें लेकर पुतिन और उनके सलाहकार काफी चिंतित भी हैं। वैगनर ग्रुप को लगता है कि उनके प्रमुख की हत्या के पीछे पुतिन का हाथ है। क्योंकि दो महीने पहले वैगनर ग्रुप ने पुतिन के खिलाफ बगावत कर दी थी। जिस पर पुतिन ने उन्हें गद्दार कहा था।

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