नई दिल्ली में रिहायशी और कमर्शियल प्रॉपर्टी के सर्किल रेट को बढ़ाया जा सकता है।
इसे लेकर प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है और जल्द ही इसे अमल में लाने की तैयारी है। मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों का कहना है कि सर्किल रेट में 35 फीसदी तक का इजाफा किया जा सकता है।
इस बढ़ोतरी की वजह सर्किल रेट और मार्केट के वास्तविक रेट में बहुत अधिक अंतर को बताया जा रहा है।
एक अधिकारी ने बताया कि राजस्व विभाग ने सर्किल रेट में वृद्धि के लिए एक प्लान बनाया था। इसमें A से H तक में वर्गीकृत रिहायशी इलाकों को एक फिर सब-कैटेगरी में बांटने की बात की गई थी इसी के आधार पर सर्किल रेट वसूलने का प्रस्ताव रखा गया था।
हालांकि, वित्त विभाग ने इसे कुछ बदलावों और सुझावों के साथ वापस लौटा दिया था। राजस्व विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इन सुझावों को ध्यान से अध्ययन कर प्रस्ताव को दोबारा से तैयार किया जा रहा है।
कितना होगा इजाफा
अधिकारी ने बताया कि मार्केट रेट और सर्किल रेट में अंतर बहुत बढ़ गया है इसलिए सर्किल रेट में 35 फीसदी तक की बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा जाएगा।
उन्होंने कहा कि हितधारकों से प्राप्त फीडबैक के आधार पर कॉलोनियो की कैटेगरी को अपग्रेड या डाउनग्रेड किया जाएगा। आपको बता दें कि दिल्ली में सर्किल रेट पिछली बार 2014 में बढ़ाए गए थे।
तब से इसमें कोई वृद्धि नहीं है। हालांकि, अभी कुछ दिन पहले ही दिल्ली में कृषि योग्य भूमि का सर्किल रेट बढ़ाकर 53 लाख से 5 करोड़ रुपये कर दिया गया था।
किस कैटेगरी में कौन से इलाके
दिल्ली में इलाकों को A से H तक की श्रेणी में बांटा गया है।
A श्रेणी में शीर्ष इलाके और H में सबसे कमजोर आर्थिक वर्ग वाले क्षेत्र हैं। ए में गोल्फ लिंक, वसंत विहार, जोर बाग जैसे इलाके इस श्रेणी में आते हैं।
बी श्रेणी में ग्रेटर कैलाश, डिफेंस कॉलोनी, सफदरजंग। सी श्रेणी में टैगोर गार्डन, सुभाष नगर। डी श्रेणी में राजौरी गार्डन, आनंद विहार व दरियागंज।
ई श्रेणी में चांदनी चौक, जामा मस्जिद व मोतीनगर। एफ श्रेणी में आनंद पर्बत, दया बस्ती और अर्जुन नगर। जी में अंबेडकर नगर और डाबरी। एच में सुल्तानपुर माजरा जैसे इलाके आते हैं।