एच-1बी वीजा पर अमेरिका में काम करने गए एक पाकिस्तानी डॉक्टर के नापाक मंसूबे सामने आए हैं। इस पाकिस्तानी डॉक्टर का नाम मोहम्मद मसूद बताया जा रहा है।
31 साल के इस डॉक्टर पर इस्लामिक स्टेट (आईएस) से संबंध रखने और अमेरिका पर हमले की साजिश रचने के आरोप में 18 साल की जेल की सजा सुनाई गई है।
मसूद पर अपनी गलत पहचान बताने के साथ-साथ लगातार अमेरिका के खिलाफ अभियान चलाने का आरोप है। यहां तक कि वह सोशल मीडिया पर भी आईएस नेतृत्व के संपर्क में था।
मिनेसोटा के रोचेस्टर में एक मेडिकल क्लिनिक में रिसर्च एसोसिएट के रूप में काम कर रहा मसूद 2020 की शुरुआत में आईएस के संपर्क में आया।
इसके बाद उसने आईएस नेताओं से अमेरिका पर हमला करने की अपील की। जनवरी 2020 और मार्च 2020 के बीच, मसूद ने एक आतंकवादी संगठन में शामिल होने के लिए विदेश यात्राओं के दौरान एक एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग एप्लिकेशन का उपयोग किया।
मसूद ने इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड अल-शाम (आईएसआईएस) में शामिल होने की अपनी इच्छा के बारे में कई बयान दिए और उनसे आतंकवादी संगठन और उसके आकाओं के प्रति अपनी निष्ठा जताई।
मसूद ने संयुक्त राज्य अमेरिका में ‘लोन वुल्फ’ आतंकवादी हमले करने की भी इच्छा व्यक्त की। फरवरी 2020 में मसूद ने शिकागो से जॉर्डन के लिए एक हवाई टिकट खरीदा और वहां से उसने सीरिया की यात्रा करने की योजना बनाई।
उस साल मार्च में मसूद को अपनी यात्राओं के प्लान को बदलना पड़ा क्योंकि जॉर्डन ने कोरोना वायरस महामारी के कारण यात्राओं पर प्रतिबंध लगा दिया था।
इसके बाद मसूद एक व्यक्ति से मिलने के लिए मिनियापोलिस से लॉस एंजिल्स के लिए उड़ान भरा। उसे विश्वास था कि वह उसे आईएसआईएस क्षेत्र में पहुंचाने में उसकी सहायता करेगा।
मसूद ने रोचेस्टर से मिनियापोलिस-सेंट तक यात्रा की। लॉस एंजिल्स जाने वाली उड़ान में सवार होने के लिए पॉल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा पर मसूद ने अपनी उड़ान के लिए चेक इन किया और बाद में एफबीआई के संयुक्त आतंकवाद कार्य बल द्वारा उसे गिरफ्तार कर लिया गया।