भारत का भेजा चंद्रयान मिशन जिस वक्त चांद पर तिरंगा लहरा रहा था, उसी दौरान आसमान में भी एक करतब दिखाया गया।
तेजस एयरक्राफ्ट ने हवा से हवा में मार करने वाली ‘अस्त्र’ मिसाइल का सफल परीक्षण किया। बुधवार को गोवा के तट पर 20 हजार फुट की ऊंचाई से यह परीक्षण किया गया।
यही नहीं मिसाइल ने अदृश्य लक्ष्य को भी भेद दिया। इसे रक्षा क्षेत्र में भारत की बड़ी कामयाबी माना जा रहा है।
अस्त्र मिसाइल भारत में ही बनी है और पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित है। इस पूरे परीक्षण की निगरानी वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने की।
अस्त्र-1 मिसाइल 100 किलोमीटर तक मार कर सकती है, जहां टारगेट दिखता भी नहीं है। इसे गोवा के तट पर 20 हजार फुट की ऊंचाई से सफलतापूर्वक दागा गया और उसने अपने लक्ष्य को भी भेद डाला।
डीआरडीओ के एक अधिकारी ने बताया, ‘इस परीक्षण के सभी लक्ष्यों को हासिल कर लिया गया। यह पूरी तरह से परफेक्ट लॉन्चिंग रही।’
उन्होंने बताया कि अस्त्र मिसाइल के जरिए हम दुश्मन देश के सुपरसोनिक हवाई खतरों को भी टारगेट कर सकते हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस लॉन्चिंग पर खुशी जताई है।
उन्होंने कहा कि अस्त्र मिसाइल की लॉन्चिंग से तेजस की ताकत में इजाफा हुआ है। इससे हमारी विदेशी हथियारों पर निर्भरता में और कमी आएगी।
अस्त्र मिसाइल आवाज की गति से भी 4 गुना ज्यादा स्पीड से अपने लक्ष्य को भेद सकती है। इस मिसाइल का सुखोई-30 MKI फाइटर्स से भी ट्रायल किया जा चुका है।
इस बीच डीआरडीओ ने अस्त्र मिसाइल के नए वर्जन पर भी काम करना शुरू कर दिया है। नई अस्त्र-2 मिसाइलें तो 160 किलोमीटर दूर तक के लक्ष्य को मार गिरा सकेंगी।