राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन ने ओडिशा प्रवास के दौरान आज जयदेव भवन, भुवनेश्वर में आयोजित राष्ट्रीय ओडिशा स्वाभिमान सम्मेलन का उद्घाटन किया।
सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित श्री हरिचंदन ने इस मौके पर ओडिशा की गौरवशाली संस्कृति, साहित्य, इतिहास, परंपरा का स्मरण किया।
उन्होंने कहा कि जिस जाति के पूर्वजों ने गंगा से गोदावरी तक साम्राज्य फैलाया, ओडिशा का झंडा फहराया और ओडिशा का नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित किया, उस जाति के लोगों को कायर नहीं होना चाहिए और अपने हक और अधिकार के लिए लड़ना चाहिए।
श्री हरिचंदन ने कहा कि उड़ीसा का साहित्य जितना समृद्ध है उतना ही सुंदर भी है। ओडिशा के साहित्य में दर्शन, जीने की कला और पूरे विश्व को अपना परिवार कहने का साहस है।
हमे ऐसे महान राष्ट्र की संतान होने पर गर्व होना चाहिए। हमारी संस्कृति और परंपराएं रिश्तों को बढ़ावा देती हैं और सद्भाव पैदा करती हैं और साथ मिलकर रहने का दृष्टिकोण प्रदान करती हैं।
हमारी सैन्य शक्ति शांति का संदेश देते हुए अन्याय, अत्याचार, भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने की प्रेरणा देती है। राज्यपाल श्री हरिचंदन ने कहा कि हमारा इतिहास हमें मतभेद का त्याग कर लोगों को साथ रहने के लिए प्रेरित करता है।
इस मौके पर राज्यपाल ने पीड़ित लोगों के लिए खड़े होने और उन्हें उनका अधिकार दिलाने का आह्वान किया। वर्तमान समय तलवार या तोप का नहीं बल्कि शांति और कानून का है।
हर आदमी अपनी माँ, माटी और देश की सेवा करने में गौरव महसूस करे। विश्व को एक परिवार मानें और एक-दूसरे की ओर हाथ बढ़ाएं। अन्याय और जुल्म के खिलाफ लड़े और युवाओं का हक दिलाकर उनके चेहरे पर खुशियां भरें।
उक्त कार्यक्रम में पद्मश्री रवि बस्तिया, पत्रकार प्रमोद महापात्र, शिक्षाविद् बद्रीनाथ पटनायक, सामाजिक कार्यकर्ता फिलिप श्रीचंदन, शिक्षाविद् प्रो. प्रफुल्ल कुमार मोहंती, संस्थान के अध्यक्ष मेजर सुशांत कुमार सावत आदि शामिल हुए।