चीन की अर्थव्यवस्था संकट में, उसका आर्थिक मॉडल चरमराया: वॉल स्ट्रीट जर्नल…

दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अब गहरे संकट में है और उसका यानी चीन का 40 साल का सफल  ग्रोथ मॉडल चरमरा गया है।

अमेरिका के एक प्रमुख दैनिक समाचार पत्र ने अपनी खबर में यह बात कही। 

‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ ने रविवार की अपनी बड़ी खबर में लिखा कि अर्थशास्त्री अब मानते हैं कि चीन बहुत धीमी वृद्धि के युग में प्रवेश कर रहा है।

प्रतिकूल जनसांख्यिकी और अमेरिका तथा उसके सहयोगियों के साथ बढ़ती दूरियों से स्थिति और खराब हो गई है, जो विदेशी निवेश व व्यापार को खतरे में डाल रहा है।

इसका असर लंबे समय तक दिखेगा

खबर में कहा गया कि यह केवल आर्थिक कमजोरी का दौर नहीं है बल्कि इसका असर लंबे समय तक दिख सकता है। अखबार ने कहा, ” अब (आर्थिक) मॉडल चरमरा गया है।” ‘

वॉल स्ट्रीट जर्नल’ ने कोलंबिया विश्वविद्यालय में इतिहास के प्रोफेसर व आर्थिक संकटों के विशेषज्ञ एडम टोजे के हवाले से कहा, ” हम आर्थिक इतिहास के सबसे नाटकीय बदलाव को देख रहे हैं।”

खबर में बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के आंकड़ों के हवाले से कहा गया कि   सरकार व राज्य के स्वामित्व वाली कंपनियों के विभिन्न स्तरों के कर्ज सहित कुल ऋण 2022 तक चीन के सकल घरेलू उत्पाद का करीब 300 फीसद हो गया था, जो अमेरिकी स्तर को पार कर गया।

यह 2012 में 200 फीसद से भी कम था।  दूसरी ओर, चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो (NBS) ने जून में कहा था कि चीन का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 2023 की पहली छमाही (एच1) में सालाना आधार पर 5.5 फीसद बढ़ा। पहली छमाही में चीन की जीडीपी 59,300 अरब युआन रहा।

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