कौन हैं विलियम लाई, जिनके अमेरिका जाने पर भड़का चीन और छोड़ दिए 25 लड़ाकू विमान…

ताइवान पर अकसर हेकड़ी दिखाने वाले चीन ने एक बार फिर से उसके आसमान में एयरफोर्स के 25 विमानों को उड़ाया है।

रविवार को ताइवानी रक्षा मंत्रालय ने बताया कि चीन के 25 प्लेन ताइवान की खाड़ी को पार कर उसके क्षेत्र में घुस आए।

रक्षा मंत्रालय की ओर से शेयर किए गए नक्शे के मुताबिक चीन के Su-30 और J-11 लड़ाकू विमानों ने उसके इलाके में उड़ान भरी।

इसे ताइवान के लिए एक धमकी के तौर पर देखा जा रहा है। अकसर चीन ताइवान पर अपना हक जताता रहा है और उसे वन चाइना पॉलिसी के तहत अपना हिस्सा बताता है। 

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक यह नया विवाद ताइवान के उपराष्ट्रपति विलियम लाई के हालिया अमेरिका दौरे को लेकर शुरू हुआ है।

विलियम लाई ताइवान के राष्ट्रपति बनने की रेस में हैं और सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। ऐसे में उनकी अमेरिका यात्रा से चीन बौखला गया है।

शिन्हुआ न्यूज एजेंसी की ही रिपोर्ट के मुताबिक चीनी सेना ने यह ड्रिल इसलिए की है ताकि यह दिखाया जा सके कि वह ताइवान के आसमान और समुद्र क्षेत्र को सीज कर सकती है।

ताइवान की अकसर नाकेबंदी करने की कोशिश चीनी सेना करती है। कुछ महीने पहले भी उसने कई दिनों तक मिसाइलों और भारी हथियारों के साथ ताइवान की खाड़ी के पास युद्धाभ्यास किया था।

तब अमेरिकी नेता नैन्सी पेलोसी ताइवान पहुंची थीं और चीन ने देख लेने तक की धमकी दी थी। उसके बाद काफी दिनों तक माहौल तनावपूर्ण बना रहा था।

इस बार फिर चीन ने ऐसी ही हिमाकत की है, जिस पर ताइवान भी भड़क गया है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि हम भी इस पर ऐक्शन लेंगे और फोर्स को तैनात करेंगे।

इस बीच विलियम लाई ने कहा है कि आखिर ताइवान में चुनाव का फैसला करने वाला चीन कौन होता है। उन्होने टेलीविजन पर प्रसारित एक भाषण में कहा कि यह तो तानाशाही बनाम लोकतंत्र का चुनाव है।

उन्होंने कहा कि आखिर ताइवान के नेताओं की यात्राओं से चीन को इतनी परेशानी क्यों होती है। उन्होंने दोटूक कहा, ‘मेरा साफ स्टैंड है कि ताइवान चीन का हिस्सा नहीं है।

हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से बात करना चाहते हैं। उससे जुड़ना चाहते हैं। सुरक्षा की शर्त के साथ हम चीन से भी जुड़ने के लिए तैयार हैं।’

इस बीच अमेरिका ने भी चीन को नसीहत दी है कि वह दबाव बनाने की बजाय बातचीत करे। हम चाहते हैं कि चीन की ओर से ताइवान की आर्थिक, कूटनीतिक और सैन्य नाकेबंदी न की जाए। अमेरिकी प्रवक्ता ने कहा कि हम तो नजर बनाए हुए हैं।

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