पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
जियो न्यूज ने सूत्रों के हवाले से बताया कि संघीय जांच एजेंसी (FIA) ने साइफर मामले की चल रही जांच के सिलसिले में यह गिरफ्तारी की।
कुरैशी को इस्लामाबाद स्थित उनके आवास से हिरासत में ले लिया। दरअसल, इमरान खान ने अपनी सरकार गिरने के पीछे अमेरिकी साजिश की बात कही थी। इसके लिए उन्होंने राजनयिक बातचीत को सार्वजनिक किया, यही असली विवाद की जड़ है।
पीटीआई ने पुष्टि की है कि कुरैशी को उनके आवास से गिरफ्तार किया गया और फिर उन्हें संघीय राजधानी में FIA मुख्यालय लेकर जाया गया।
रिपोर्ट के अनुसार, गिरफ्तारी के कुछ ही समय पहले कुरैशी ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया।
इस दौरान उन्होंने जेल में बंद पार्टी प्रमुख इमरान खान को बदलने के लिए पार्टी नेताओं के बीच अंदरूनी कलह की खबरों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि पार्टी नेतृत्व को लेकर किसी तरह का मतभेद नहीं है।
कुरैशी से 2 घंटे हुई थी पूछताछ
एफआईए ने इसी साल जुलाई में विवादास्पद अमेरिकी साइफर की जांच के सिलसिले में कुरेशी और पीटीआई नेता असद उमर से करीब 2 घंटे तक पूछताछ की थी।
कुरैशी ने पार्टी प्रमुख के इस दावे का समर्थन किया था, जिसमें उन्होंने कहा कि पिछले साल अप्रैल में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करके अमेरिका ने उन्हें सत्ता से बाहर करने की योजना बनाई थी।
कुरैशी ने बार-बार यह दोहराया कि अमेरिकी साइफर की बात हकीकत है। इसे लेकर पार्टी चीफ इमरान का दावा सही है।
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ साइफर मामला तब गंभीर हो गया, जब उनके प्रमुख सचिव आजम खान ने मजिस्ट्रेट के साथ ही FIA के सामने बयान दिया।
आजम ने कहा कि पूर्व पीएम ने अपने राजनीतिक लाभ के लिए और उनके खिलाफ अविश्वास मत को रोकने के लिए अमेरिकी साइफर का इस्तेमाल किया था। पूर्व नौकरशाह ने अपने कबूलनामे में कहा कि जब उन्होंने इमरान खान को साइफर मुहैया कराया तो वह उत्साहित थे।
उन्होंने इसे अमेरिकी भूल करार दिया। आजम के अनुसार, पूर्व प्रधानमंत्री ने तब कहा कि इसका इस्तेमाल प्रतिष्ठान और विपक्ष के खिलाफ कहानी बनाने के लिए किया जा सकता है।
क्या है साइफर गेट केस?
साइफर केस पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। इमरान खान पर आरोप है कि उन्होंने गुप्त जानकारी का इस्तेमाल अपने निजी फायदे के लिए किया। दूसरी ओर, पूर्व प्रधानमंत्री आरोप लगाते हैं कि उन्हें सत्ता से बेदखल करने में अमेरिका का बड़ा हाथ रहा है। उन्होंने कहा कि वाशिंगटन स्थित पाकिस्तानी एंबेंसी ने उन्हें एक केबल (टेप या गुप्त जानकारी) भेजा था। इमरान खान ने अपने राजनीतिक फायदे के लिए इस विवादित राजनयिक बातचीत को सार्वजनिक कर दिया था। इसे ही ‘साइफर’ कहा गया है।
कैसे इमरान पर भारी पड़ेगा साइफर मामला
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने शुक्रवार को कहा था कि साइफर गेट को लेकर इमरान खान पर देशद्रोह का आरोप लग सकता है।
उन्होंने कहा कि खान को सार्वजनिक पद संभालने से अयोग्य भी ठहराया जा सकता है। ख्वाजा आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ प्रमुख ने राजनीतिक उद्देश्यों के लिए राजनयिक साइफर का इस्तेमाल किया।
निहित स्वार्थ की खातिर दस्तावेज का उपयोग करने के लिए उन पर देशद्रोह का आरोप लगने का खतरा है।
उच्च राजद्रोह से संबंधित कानून का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘पीटीआई प्रमुख पर अनुच्छेद 6 लगाया जा सकता है, जिसके तहत किसी आरोपी को मौत और आजीवन कारावास की सजा दी जा सकती है।’