दुनिया भर में स्पेस मिशन को लेकर होड़ मची हुई है।
भारत से लेकर रूस और जापान समेत विभिन्न देश इसमें शामिल हैं।
इन सबके बीच अमेरिका की विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों ने चिंता जताने के साथ-साथ चेतावनी भी जाहिर की है। यह चेतावनी अमेरिकी स्पेस इंडस्ट्री को दी गई है।
इन सुरक्षा एजेंसियों को डर है कि कहीं विदेशी इंटेलीजेंस संस्थाएं अमेरिका की रिसर्च और ट्रेड सीक्रेट्स की चोरी न कर लें। एक अमेरिकी काउंटरइंटेलीजेंस अधिकारी ने बताया चीन और रूस अमेरिकी स्पेस इंडस्ट्री के लिए खतरा बन सकते हैं।
दो पेज की बुलेटिन
यह रिपोर्ट फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (एफबीआई), नेशनल काउंटरइंटेलीजेंस एंड सिक्योरिटी सेंटर (एनसीएससी) और एयरफोर्स ऑफिस ऑफ स्पेशल इनवेस्टिगेशन (एफओएसआई) ने दो पेज की एक बुलेटिन जारी की है।
इसके मुताबिक कुछ विदेशी संस्थाएं अमेरिकी अंतरिक्ष उद्योग तक पहुंचने के लिए साइबर हमलों और तकनीकों का उपयोग कर रही थीं। यह कदम वाशिंगटन द्वारा एक खास मुद्दे के बारे में जागरुक करने की कोशिश है।
यह मुद्दा लंबे समय से काउंटरइंटेलिजेंस अधिकारियों को परेशान कर रहा है। साथ ही अमेरिका के लिए शीर्ष प्राथमिकता बन गया है।
इसके पीछे वजह यह है क्योंकि अमेरिकी अंतरिक्ष उद्योग नए रॉकेट और अन्य तकनीक विकसित करने में अरबों डॉलर खर्च करता है।
अमेरिकी कंपनियों को वॉर्निंग
एजेंसियों के डॉक्यूमेंट में अमेरिकी कंपनियों को वॉर्निंग दी गई है कि वे सम्मेलनों में गोपनीय जानकारी जुटाने के प्रयासों और यात्रा के लिए की गई रिक्वेस्ट को लेकर सतर्क रहें।
इसमें यह भी कहा गया है कि निजी कर्मचारियों को विदेश यात्रा, कंसल्टेंसी वर्क या मालिकाना जानकारी के लिए भुगतान की पेशकश के जरिए भर्ती करने का खतरा था।
साथ ही कंपनियों से आग्रह किया है कि कुछ भी अजीब होने पर एफबीआई या एएफओएसआई से संपर्क करें। अमेरिकी अधिकारी कई साल से कहते आ रहे हैं कि चीन हैकर्स अमेरिकी अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी को निशाना बना रहे हैं।
इसमें जिसमें नासा गोडार्ड स्पेस सेंटर, जेट प्रोपल्शन लैब के कंप्यूटरों के साथ-साथ विमानन, अंतरिक्ष और उपग्रह प्रौद्योगिकी में शामिल कई कंपनियां शामिल हैं।