सैयद जावेद हुसैन (सह संपादक-छत्तीसगढ़):
धमतरी- कांग्रेस के संकल्प शिविर में शुक्रवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जिले के नगरी-धमतरी-कुरूद के दौरे पर रहे।
इस दौरान दोपहर में मुख्यमंत्री धमतरी के पुरानी कृषि उपज मंडी (संकल्प शिविर स्थल) पहुंच कार्यकर्ताओं व नेताओं में जोश का संचार किया, और कार्यकर्ताओं को संकल्प दिलाया कि प्रदेश सभी का है, सभी यहां भाईचारे के साथ रहें, यहां नफरत की दुकान नही खुलने दी जाएगी।
उन्होंने सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताते हुए केंद्र की मोदी सरकार को भी घेर कर कटघरे में खड़ा किया!
मुख्यमंत्री के आगमन के मद्देनजर कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह देखा गया। वहीं स्थानीय नेता भी खुद को रिचार्ज करते दिखे। अपने संबोधन पश्चात मुख्यमंत्री ने स्वयं स्थानीय नेताओं का नाम लेकर उनका जयकारा करवाया।
फिर खुली पोल…
मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर तैयारियां काफी चुस्त नजर आईं, लेकिन जैसे ही मुखिया का काफ़िला संकल्प शिविर स्थल पुरानी मंडी पहुंचा, तो व्यवस्थाओं की पोल खुल गई!
मालूम हो कि ये पहली बार नही है कि प्रदेश के मुखिया धमतरी पहुंचे हों, इससे पहले भी कई बार उनका धमतरी का दौरा हुआ है, जहां पर चाक चौबंद व्यवस्था देखी गई है।
इससे अधिक जनता भी पहुंची लेकिन किसी प्रकार की अव्यवस्था नजर नहीं आई, लेकिन इस कार्यक्रम में ऐसा पहली बार हुआ कि प्रदेश के मुखिया मीडिया कर्मियों को ढूंढते रहे, और मीडिया कर्मी मुखिया तक पहुंचने का प्रयास करते रहे!
आपको बता दें कि ऐसे हर बड़े नेताओं के आगमन पर मीडिया कर्मियों के लिए आवागम व संवाद के लिए स्थान पहले ही तय कर दिया जाता है, लेकिन संकल्प शिविर में मीडिया के जो कर्मी पहले से पहुंच गए उन्हें तो स्थान मिल गया, लेकिन कुछ देर बाद कई मीडिया कर्मी अपने स्थान तक पहुंचने की राह ही देखते रह गए! क्योंकि उनके आने जाने का कोई स्थान तय नहीं था, वहीं व्यवस्था में लगे अधिकारियों को भी पता नहीं था कि मीडिया कर्मियों के लिए किस ओर से प्रवेश द्वार बनाया गया है।
वहीं सभा के पश्चात प्रदेश के मुखिया मीडिया कर्मियों से संवाद करना चाहते थे लेकिन उसका भी स्थान तय नहीं होने के कारण ठीक से संवाद नही हो पाया। इतनी बड़ी अव्यवस्था का जिम्मेदार आखिर कौन है? चर्चा व्याप्त।