कांग्रेस ने नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय (NMML) का नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय (PMML) सोसाइटी किए जाने को लेकर बुधवार को सरकार पर निशाना साधा।
पार्टी ने कहा कि लगातार हमले के बावजूद देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की विरासत हमेशा जिंदा रहेगी और वह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे।
एनएमएमएल का नाम 14 अगस्त से आधिकारिक तौर पर बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय (पीएमएमएल) सोसाइटी कर दिया गया।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘आज से एक प्रतिष्ठित संस्थान को नया नाम मिला है।
विश्व प्रसिद्ध नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय (एनएमएमएल) अब पीएमएमएल (प्रधानमंत्री स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय) बन गया है।’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘(नरेन्द्र) मोदी जी भय, पूर्वाग्रह और असुरक्षा से घिरे हुए हैं, खासकर जब बात हमारे पहले और सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रधानमंत्री की आती है। उनका एकमात्र एजेंडा नेहरू और नेहरूवादी विरासत को नकारना, विकृत करना, बदनाम करना और नष्ट करना है। उन्होंने ‘एन’ को मिटाकर उसकी जगह ‘पी’ कर दिया है।’
रमेश ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी स्वतंत्रता आंदोलन में नेहरू के विशाल योगदान और भारत राष्ट्र-राज्य की लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष, वैज्ञानिक और उदार नींव के निर्माण में उनकी महान उपलब्धियों को कभी भी मिटा नहीं सकते। इन सभी पर अब मोदी जी और उनकी वाह-वाह करने वालों की ओर से लगातार हमला किया जा रहा है।’
उन्होंने कहा, ‘लगातार हमले के बावजूद, जवाहरलाल नेहरू की विरासत हमेशा जीवित रहेगी और वह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे।’
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने भी इस फैसले पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा, ‘यह और कुछ नहीं बल्कि कुंठित मानसिकता है।
पं. जवाहरलाल नेहरू पहले प्रधानमंत्री थे। उनके नाम पर एक संस्था का नाम रखा गया और उनके कार्यकाल को दिखाने के लिए एक संग्रहालय बनाया गया… यदि आपको (केंद्र) अन्य प्रधानमंत्रियों पर एक संस्था बनानी थी, तो आप ऐसा कर सकते थे।
लेकिन अगर आप किसी चीज को दबाते हैं या हटाते हैं तो इसका मतलब है कि आपका मकसद कभी प्रदर्शन नहीं बल्कि भारत के स्वर्णिम इतिहास को दबाने का प्रयास था।’