स्वतंत्रता दिवस हो और कुछ खास न हो, ऐसा तो संभव नहीं है। देश की आजादी की सालगिरह हर किसी के लिए खुशियां लेकर आई।
अब इनमें एक वर्ग ऐसा भी है, जिसके लिए 77वां स्वतंत्रता दिवस यादगार बन गया। कभी दूर से ध्वजारोहण देखने वाले चेन्नई के सफाई कर्मियों ने तिरंगा अपने हाथों से फहराया।
कभी कार्यक्रम खत्म होने के बाद कचरा साफ करने वाले पहली पंक्ति में नजर आए। सिर्फ नजर ही नहीं आए, बल्कि कार्यक्रम की कमान भी उन्होंने ही संभाली।
नजारा ऐसा था कि कभी कचरे की गाड़ी या झाड़ू में नजर आने वाले ये सफाईकर्मी तिरंगे को सम्मान की नजरों से देख रहे थे। यही सम्मान उन्हें भी महसूस हुआ, जब उन्होंने ध्वजारोहण के लिए बुलाया गया।
टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में करीब 40 वर्षीय मंजुला बताती हैं, ‘मुझे रोयपेट्टा में तिरंगा फहराने के लिए आमंत्रित किया गया था।
मेरी जिंदगी में कभी किसी ने मुझे तिरंगा फहराने के लिए नहीं बुलाया और कई बार मैंने सिर्फ इस कार्यक्रम को बहुत दूरी से देखा है। मैं बहुत ज्यादा सम्मानित कर रही हूं।’ उन्होंने कहा, ‘ऐसा लग रहा है कि उन्होंने मुझे देश ही दे दिया।’
इसी तरह कचरा वाहन चलाने वाले एस एनबारसन ने कहा, ‘कभी पहली पंक्ति का हिस्सा नहीं रहा, फिर चाहे स्कूल हो या कोई और जगह। यह पहली बार है जब आगे खड़ा हूं।’
लाल किले पर भी पहुंचे खास मेहमान
लाल किले पर आयोजित समारोह में वाइब्रेंट विलेज के सरपंच, शिक्षक, नर्स, किसान, मछुआरे, नई दिल्ली में सेंट्रल विस्टा परियोजना के निर्माण में मदद करने वाले श्रम योगी, खादी क्षेत्र के कार्यकर्ता, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता स्कूल शिक्षक, सीमा सड़क संगठन के कार्यकर्ताओं को बुलाया गया था।