अफगानिस्तान में खोस्त प्रांत के होटल में सोमवार को धमाका हुआ, जिसमें 3 लोग मारे गए और 7 घायल हो गए।
विस्फोट का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है। पाकिस्तान की सीमा से लगे इलाके की यह घटना है। इस क्षेत्र में लंबे समय से इस्लामी आतंकवादियों और उनके दुश्मनों के बीच टकराव रहा है।
यहां वर्षों से विभिन्न आतंकवादी समूह सक्रिय हैं। खोस्त मीडिया कार्यालय की ओर से कहा गया कि हताहतों में मूल रूप से पाकिस्तान के वजीरिस्तान क्षेत्र के लोग शामिल हैं।
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की ओर से इस घटना पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। दरअसल, अफगानिस्तान के तालिबान की ओर से संचालित प्रशासन को इस्लामिक स्टेट के आतंकियों के विद्रोह का सामना करना पड़ रहा है।
IS के दहशतगर्दों ने हाल के महीनों में नागरिकों, विदेशियों और तालिबान सुरक्षा बलों को निशाना बनाकर कई घातक हमलों का दावा किया है।
तालिबान का कहना है कि वे अफगानिस्तान को सुरक्षित बनाने पर ध्यान दे रहे हैं। हाल के महीनों में इस्लामिक स्टेट की शाखाओं के खिलाफ कई छापे मारे गए हैं।
आतंकी नेटवर्क नष्ट करने का संकल्प
वहीं, पाकिस्तान थलसेना प्रमुख आसिम मुनीर ने अफगानिस्तान में सुरक्षित पनाहगाहों में शरण लिए प्रतिबंधित आतंकी समूहों को लेकर हाल ही में चिंता जताई थी।
उन्होंने कहा कि वे सरकार के समक्ष आत्समर्पण कर दें, या फिर उन्हें खत्म कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान में आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं है।
पाकिस्तान में आतंकवादी घटनाओं में अफगान नागरिकों की संलिप्तता क्षेत्रीय शांति व स्थिरता के लिए हानिकारक है। यह अंतरिम अफगान सरकार की ओर से दोहा शांति समझौते से भटकाव है।’
खैबर-पख्तूनख्वा फ्रंटियर कोर (एफसी) मुख्यालय का दौरा करने के दौरान आसिम मुनीर ने कहा, ‘पाकिस्तान आतंकवादी नेटवर्क को खत्म करने और हर कीमत पर अपने नागरिकों की रक्षा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा।’
अफगानिस्तान की सीमा से लगे पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के अशांत कबायली जिले में कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी की रैली में आत्मघाती हमलावर ने शक्तिशाली विस्फोट किया था।
इस हमले में 63 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 100 अन्य लोग घायल हुए। प्रतिबंधित आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) ने आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी ली थी।