देश में नए आपराधिक कानूनों को लागू करने के लिए केंद्र सरकार ने लोकसभा में तीन विधेयक पेश किए हैं।
प्रस्तावित कानूनों में पहचान छिपाकर शादी करने या फिर यौन संबंध बनाने पर भी कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। इसके लिए 10 साल की सजा हो सकती है।
इस प्रस्तावित कानून पर लोगों का कहना यह भी है कि सरकार ‘लव जिहाद’ के खिलाफ कड़ा कानून ला रही है। जो लोग अपनी पहचान छिपाकर शादी कर लेते हैं, अब वे कानून के घेरे में होंगे और उन्हें कड़ी सजा मिलेगी।
नए प्रस्तावित कानून में क्या है?
विधेयक में कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति छल से झूठे वादे करके यौन संबंध बनाता है तो इसे रेप की श्रेणी में नहीं रखा जाता है।
लेकिन अब ऐसा करने पर दंड का प्रावधान होगा। उसे ज्यादा से ज्यादा 10 साल की सजा दी जाएगी। इसमें कहा गया है, ‘कोई व्यक्ति अगर छल के इरादे से झूठे वादे करके महिला के साथ यौन संबंध बनाता है तो उसे सजा दी जाएगी।
यह बढ़ाकर 10 साल तक की की जा सकती है। इसके अलावा जुर्माने का भी प्रावधान है। ‘ इसमें छल का मतलब रोजगार, प्रमोशन का लालच देने या फिर पहचान छिपाकर शादी करने से है।
अब तक आईपीसी में इस तरह अपराध से निपटने के लिए कोई प्रावधान नहीं था। आईपीसी की धारा 90 में इतना जरूर कहा गया था कि अगर कई व्यक्ति जानकारी छिपाकर यौन संबंध बनाता है तो इसे सहमति से बनाया गया संबंध नहीं कहा जा सकता। हालांकि नए प्रस्तावित कानून में इसे साफ तौर पर अपराध बताते हुए दंड का भी प्रावधान है। इसमें छल का मतलब धार्मिक पहचान छिपाकर शादी करने या फिर यौन संबंध बनाने से भी है।
गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को अंग्रेजों के जमाने के कानूनों के रिप्लेस करने के लिए तीन विधेयक पेश किए। इसमें भारतीय न्याय संहिता विधेयक 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा विधेयक 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 शामिल हैं। ये तीनों ही प्रस्तावित कानून आईपीसी 1860, क्रिमिल प्रोसीजर ऐक्ट 1898 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 की जगह लेंगे।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विधेयक को पेश करते हुए कहा कि ऐसे लोग थे जिन्होंने यौन संबंध बनाने के लिए गलत पहचान दी थी। अब नरेंद्र मोदी की सरकार इसे अपराध की श्रेणी में ला रही है। ऐसे कई मामले आए हैं जहां महिलाएं शादी के वादे पर यौन संबंध बनाने की सहमति देती हैं या फिर वे जिसके साथ रिश्ते में हैं वह अपनी वैवाहिक स्थिति, पहचान छिपाकर धोखा देता है। ऐसे भी मामले सामने आते हैं जब व्यक्ति अपनी धार्मिक पहचान के बारे में झूठ बोलता है। अब ये सारी चीजें अपराध की श्रेणी में आएंगी और कड़ी सजा का प्रावधान होगा।