चारधाम यात्रा मार्ग पर डेंजर जोन में बनीं अस्थाई दुकानों को हटाने के लिए पूरे गढ़वाल मंडल में अभियान चलाया जाएगा।
गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री यात्रा रूट पर इस तरह के निर्माण को तत्काल हटाने के निर्देश सभी जिलाधिकारियों को दे दिए हैं।
वहीं, कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने अतिक्रमण को लेकर 10 अगस्त को मंडलभर के सभी डीएम की बैठक भी बुला ली है।
गौरीकुंड हादसे के बाद गढ़वाल कमिश्नर हालात का जायजा लेने मौके पर गए थे।
उन्होंने बताया कि यात्रा रूट पर डेंजर जोन में बड़ी संख्या में अस्थाई दुकानें बनी हुई हैं, जिन्हें रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने हादसे के तुरंत बाद हटाने का अभियान शुरू कर दिया है। रुद्रप्रयाग में ऐसे ढाई सौ निर्माण को अब तक हटाया जा चुका है।
हालांकि, मौसम खराब होने की वजह से इस अभियान को बीच-बीच में रोकना भी पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि चारधाम मार्गों पर ऐसे सभी स्थानों से अतिक्रमण हटाने को कहा गया है, जहां नदी-नालों में पानी का बहाव प्रभावित हो रहा हो।
कमिश्नर ने जिलों से रिपोर्ट भी मांगी गढ़वाल कमिश्नर ने बताया कि गंगोत्री, यमुनोत्री और बदरीनाथ रूट पर भी नदी के साथ बरसाती नदी और गदेरों के किनारे अस्थाई दुकानें और ढाबे बनाए गए हैं, जो भूस्खलन के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्र हैं।
इन जिलों के डीएम को भी बाढ़,भूस्खलन और आपदा के लिहाज से संवेदनशील स्थानों पर बने अस्थाई निर्माण तत्काल हटाने को कहा गया है। इसकी रिपोर्ट भी संबंधित जिलों से मांगी गई है।
हाईकोर्ट ने दिए थे आदेश हाईकोर्ट ने भी पिछले महीने 26 जुलाई को एनएच, स्टेट हाईवे, अन्य सड़कों, नदियों के किनारे और वन भूमि के कब्जों को हटाने के आदेश दिए थे। इसमें सभी डीएम और प्रभागीय वनाधिकारियों से चार हफ्ते में रिपोर्ट मांगी गई है।
दिल्ली के मुखर्जीनगर निवासी प्रभात गांधी ने 19 जुलाई को हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को नैनीताल के खुटानी से पदमपुरी तक सड़कों पर अतिक्रमण और नदी में गंदगी डालने के फोटो सहित एक शिकायती पत्र भेजा था।
जिसका कोर्ट ने जनहित याचिका के तौर पर संज्ञान लिया था।