हितग्राहियों को अब तक हो चुका है 541.66 करोड़ का भुगतान।
गोधन न्याय योजना को सिर्फ छत्तीसगढ़ नही बल्कि देश भर में मिल रही सराहना: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यहां अपने निवास कार्यालय में गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को 73वीं किश्त के रूप में 15 करोड़ 29 लाख रूपए की राशि सीधे उनके बैंक खातों में अंतरित की।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर 14-31 जुलाई 2023 तक गौठानों में गोबर विक्रय करने वाले ग्रामीण पशुपालक किसानों को 5 करोड़ 60 लाख रूपए तथा गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को 9 करोड़ 69 लाख रूपए की राशि जारी की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत तीन वर्षों में गोधन न्याय योजना ने अद्व्तिीय सफलताएं हासिल की है। इस योजना को न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि देश भर में सराहा गया है। देश के अनेक राज्यों ने हमारा अनुशरण करके इस तरह की योजना लागू की हैं।
इस योजना के माध्यम से स्व-सहायता समूह की बहनें आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनी है। गोबर विक्रेताओं और गौठान समितियों ने अच्छी आय अर्जित की है। किसान भाईयों में पशुपालन को लेकर रूचि बढ़ी है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि बीते कई महीनों से देखा जा रहा है कि गोबर खरीदी में भुगतान की जाने वाली राशि में से 60 से 70 प्रतिशत राशि गौठान समितियों द्वारा स्वयं की जमा पूंजी से की जा रही है।
यह गौठान समितियों की सक्रियता और उनकी मेहनत का फल है। गौठानों में अभी भी 4.83 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट उपलब्ध है। मैं सभी किसान भाईयों से अपील करता हूं कि वे खेतों में ज्यादा से ज्यादा जैविक खाद का इस्तेमाल करें।
कार्यक्रम में कृषि मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि करीब 38 लाख हेक्टेयर में बोनी का कार्य हो गया है। खेतों में बियासी और रोपाई का कार्य चल रहा है।
हमें पूर्ण विश्वास है कि इस बार भी किसान अच्छा उत्पादन करेंगे। छत्तीसगढ़ में किसान शासकीय योजनाओं का भरपूर लाभ ले रहे है। जिससे उनकी आर्थिक स्थिति सुुदृढ़ हो रही है।
उल्लेखनीय है कि गौठानों में गोबर खरीदी में स्वावलंबी गोठानों की भूमिका लगातार बढ़ती जा रही है। गोबर विक्रेताओं को होने वाले 5.60 करोड़ रूपए के भुगतान में से मात्र 2.29 करोड़ रूपए का भुगतान शासन की ओर से किया गया।
जबकि 3.31 करोड़ रूपए का भुगतान स्वावलंबी गौठान स्वयं की राशि से किया। राज्य में 10,278 गौठान निर्मित एवं संचालित हैं, जिसमें से 5985 गौठान पूरी तरह से स्वावलंबी हो चुके हैं। स्वावलंबी गौठानों ने अब तक 70.27 करोड़ रूपए का गोबर पशुपालक किसानों से स्वयं की राशि से किया है।
गौरतलब है कि किसानों को राशि अंतरित करने के बाद गोधन न्याय योजना के अंतर्गत हितग्राहियों को 541.66 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है।
गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में अब 128.34 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी हो चुकी है, जिसमें से 125.54 लाख क्विंटल गोबर खरीदी की एवज में गोबर विक्रेताओं को 250.08 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है।
5.60 करोड़ रूपए के भुगतान के बाद गोबर खरीदी के एवज में अब तक राशि 255.68 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है। गौठानों समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को 257.29 करोड़ रूपए के भुगतान किया जा चुका है।
9.69 करोड़ रूपए के भुगतान के बाद यह आंकड़ा बढ़कर 266.98 करोड़ रूपए हो गया है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह, प्रबंध संचालक गोधन न्याय मिशन डॉ. अयाज फकीर भाई तम्बोली, राज्य नोडल अधिकारी रीपा गौरव सिंह, संचालक कृषि एवं पशुधन श्रीमती चंदन त्रिपाठी, उप सचिव श्रीमती तूलिका प्रजापति, संचालक उद्यानिकी मातेश्वरन, राज्य नोडल अधिकारी एनआरएलएम श्रीमती पद्मिनी भोई साहू एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।