जब सभापति जगदीप धनखड़ ने केंद्रीय मंत्री को बैठा दिया जबरन, राज्यसभा में दिखा अजीब नजारा…

संसद के मानसून सत्र के दौरान मंगलवार (01 अगस्त) को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को तब एक असामान्य स्थिति से जूझना पड़ा, जब उन्हें एक केंद्रीय मंत्री को प्रश्नकाल के दौरान जबरन बैठाना पड़ा।

वैसे तो आसन का उपयोग आमतौर पर विपक्षी सदस्यों को बैठने के लिए कहने के लिए किया जाता है, जब वे अपनी बारी से पहले या बिना बारी के बोलने लगते हैं या किसी विषय का विरोध करने के लिए सदन में खड़े होते हैं। 

राज्यसभा के सभापति धनखड़ भी समय-समय पर ट्रेजरी बेंचों को भी इसी तरह का निर्देश देते रहे हैं लेकिन मंगलवार को धनखड़ को एक मंत्री को भी ऐसे ही निर्देश जारी करते हुए देखा गया।

इंडियन एक्सप्रेस के दिल्ली कॉन्फिडेन्शियल कॉलम में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, प्रश्नकाल के दौरान जब स्वास्थ्य राज्यमंत्री एस पी सिंह बघेल उत्तर देने के लिए खड़े हुए और अपने उत्तर से थोड़े उत्साहित नजर आ रहे थे, तभी सभापति ने उन्हें बैठ जाने को कहा।

सभापति ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि बघेल निर्धारित समय से ज्यादा वक्त ले रहे थे और सदन में अपनी बात करते रह गए थे। सभापति ने मंत्री को बार-बार अपना भाषण समाप्त करने और बैठने के लिए कहा।

बावजूद इसके बघेल रुके नहीं और अपनी बात कहते रह गए। आख़िरकार, धनखड़ के पास अगले वक्ता से अपना प्रश्न पूछने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा और उन्होंने बघेल की बात के बीच ही नए सदस्य को सवाल पूछने के लिए आमंत्रित कर दिया। 

इस से सदन में थोड़ी देर के लिए असहज स्थिति उत्पन्न हो गई क्योंकि आसन अक्सर ऐसा विपक्षी सदस्यों के साथ करता रहा है, जो बिना अपनी बारी आए सदन में बोलने लगते हैं या ज्यादा समय तक बोलते रह जाते हैं। बघेल बीजेपी के सांसद अनिल जैन के राष्ट्रीय एड्स कंट्रोल और यौन संचारित रोग से जुड़े एक सवाल का जवाब दे रहे थे। इस बीच, खबर है कि विपक्ष जगदीप धनखड़ के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहा है।

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