ऑनलाइन गेमिंग और विज्ञापन I&B मंत्रालय के हुए अधीन, अब इन्हें रेगुलेट करना होगा आसान…

केंद्र ने ऑनलाइन गेमिंग सर्विस और ऑनलाइन विज्ञापनों सहित कन्टेंट प्रोवाइडर्स को सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत लाने का आदेश जारी किया है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से इसे लेकर गजट नोटिफिकेशन किया गया। इसमें कहा गया कि ‘ऑनलाइन कन्टेंट प्रोवाइडर्स/पब्लिशर्स द्वारा उपलब्ध कराई गई फिल्मों और ऑडियो-विजुअल कार्यक्रम को भारत सरकार की दूसरी अनुसूची (आवंटन) में सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत लाया जाएगा।’ 

एक सीनियर अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर एचटी से कहा, ‘नए बदलाव को प्रभावी बनाने के लिए नए नियम बनाकर इसका पालन करना होगा।’

अब सूचना और प्रसारण मंत्रालय को गेमिंग सामग्री प्लेटफार्मों व ऑनलाइन विज्ञापनों के लिए नीतियों को रेगुलेट करने का पावर मिल जाएगा।

अप्रैल में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने ऑनलाइन रियल मनी गेम को रेगुलेट करने के लिए आईटी नियम, 2021 में संशोधन किया था। दरअसल, यहां उपयोगकर्ताओं को खेलने के लिए पैसे का जोखिम उठाना पड़ता था।

सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने जारी की चेतावनी
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने इसे लेकर नई चेतावनी जारी की थी। साथ ही सट्टेबाजी और जुआ प्लेटफार्मों के विज्ञापन प्रसारित करने के खिलाफ मीडिया संस्थाओं, प्लेटफार्मों और ऑनलाइन मध्यस्थों को भी अलर्ट किया गया।

मंत्रालय ने मुख्यधारा के अंग्रेजी और हिंदी अखबारों में सट्टेबाजी वेबसाइटों के विज्ञापन और प्रचार सामग्री प्रकाशित करने के पर कड़ी आपत्ति जताई थी।

मालूम हो कि ऑनलाइन मीडिया को रेगुलेट करने का कदम पहली बार मार्च 2018 में तत्कालीन आईबी मंत्री स्मृति ईरानी ने शुरू किया था। ऑनलाइन कन्टेंट सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत आते हैं।

दूसरी ओर, सरकार ने सोमवार को कहा कि गृह मंत्रालय इस पक्ष में है कि लॉटरी विजेताओं को पैसे का भुगतान बैंकिंग माध्यम से किया जाए ताकि कर चोरी और धनशोधन पर अंकुश लगाया जा सके।

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। चौधरी ने कहा, ‘गृह मंत्रालय ने औपचारिक बैंकिंग चैनल के माध्यम से लॉटरी की पुरस्कार राशि के वितरण की संभावना के संबंध में वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग से राय मांगी।

गृह मंत्रालय ने इसी मुद्दे पर सभी राज्यों से भी राय मांगी है।’ आयकर अधिनियम की धारा 194बी और 194जी के तहत, लॉटरी से जीत और लॉटरी टिकटों की बिक्री से मिलने वाली राशि टीडीएस के दायरे में आती है।

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