भारत, नेपाल और बांग्लादेश की तिकड़ी से दक्षिण एशिया में बनेंगे नए समीकरण, त्रिपक्षीय समझौते पर नजरें…

दक्षिण एशिया में भारत, नेपाल और बांग्लादेश की तिकड़ी से नए समीकरण बनने के आसार हैं। एक दूसरे की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के मसले पर भारत, नेपाल और बांग्लादेश के बीच त्रिपक्षीय बैठक हो सकती है।

बिजली निर्यात को लेकर नेपाल, भारत और बांग्लादेश के बीच समझौते पर सहमति के संकेत मिल रहे हैं। उक्त बातें आर्थिक, रणनीतिक, ऊर्जा, बिजली समेत कई क्षेत्रों में भारत-नेपाल के प्रगाढ़ होते रिश्तों पर नेपाल के राजदूत डॉ. शंकर शर्मा ने कही।

उन्होंने रविवार को नई दिल्ली स्थित पीएचडी हाउस के एलपीएस ऑडिटोरियम में आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लिया। इसमें भारत-नेपाल के बीच डिजिटल पेमेंट गेटवे, ऊर्जा, शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्रों में साझेदारी को लेकर चर्चा हुई। 

ऊर्जा क्षेत्र में साझेदारी पर जोर
नेपाल की संस्था किताब जात्रा फाउंडेशन द्वारा नई दिल्ली में भारत-नेपाल के रिश्तों के संबंध में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में भारत में नेपाल के राजदूत डॉ. शंकर शर्मा शामिल हुए।

नेपाल में भारत के पूर्व राजदूत रंजीत राय और मंजीव पूरी ने भी इस कार्यक्रम में शिरकत की। कार्यक्रम का सह-आयोजन, पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) के इंडिया-नेपाल सेंटर द्वारा किया गया।

भारत-नेपाल के रिश्ते: शब्दों में और उससे परे, विषय पर नेपाल के राजदूत डॉ. शंकर शर्मा ने कहा कि भारत और नेपाल के बीच ऊर्जा क्षेत्र में साझेदारी के लिए सहमति बनी है।

13 एमओयू हुए थे साइन
डॉ. शंकर शर्मा ने कहा कि नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड में भारत में आए थे। उस समय भारत के साथ आर्थिक मामलों को लेकर 13 एमओयू (समझौता ज्ञापन) पर हस्ताक्षर हुए थे।

हाल ही में भारत और नेपाल की ऊर्जा की टीम के सदस्यों के बीच ऊर्जा क्षेत्र में साझेदारी के लिए सहमति बनी है। इसमें अगले 10 वर्षों के दौरान नेपाल से 10 हजार मेगावाट बिजली भारत को निर्यात किए जाने पर सहमति बनी है।

यह समझौता दोनों देशों के लिए गेम चेंजर साबित होने वाला है। 

भारत, नेपाल और बांग्लादेश के बीच होगा त्रिपक्षीय समझौता
डॉ. शंकर ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र को लेकर भारत, नेपाल और बांग्लादेश के बीच त्रिपक्षीय बैठक हो सकती है। चूंकि बांग्लादेश और भारत के बीच पर्याप्त ट्रांसमिशन लाइनें नहीं हैं इसलिए शुरुआती चरण में केवल 40 मेगावाट या 50 मेगावाट बिजली निर्यात पर सहमति बनी है।

भारत, नेपाल और बांग्लादेश के बीच त्रिपक्षीय अंतिम समझौता होगा। यह समझौता भारत, नेपाल और बांग्लादेश में ऊर्जा आयातकों के लिए फायदेमंद साबित होगा। नेपाल बिजली निर्यात के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। 

भारत-नेपाल के बीच डिजिटल पेमेंट प्रणाली शुरू होने की उम्मीद
डॉ. शंकर शर्मा ने उम्मीद जताई कि अगले एक वर्ष के दौरान भारत-नेपाल के बीच डिजिटल पेमेंट प्रणाली शुरू हो जाएगी। फरवरी, 2021 में भारत और नेपाल के बीच भारतीय डिजिटल पेमेंट व्यवस्था – यूपीआई सिस्टम शुरू करने के मसले पर कुछ समझौता हुआ था लेकिन यह आगे नहीं बढ़ पाया।

नेपाल समझौते से बेहद संतुष्ट नहीं था। अब यूपीआई सिस्टम को लेकर कुछ सहमति बन गई है। मुझे लगता है कि एक वर्ष के बाद भारत और नेपाल के बीच डिजिटल क्रॉस बॉर्डर मनी ट्रांसफर प्रणाली एक नया आयाम होगा।

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