डब्ल्यूएचओ ने इसी साल मई महीने में कोरोना वायरस को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी की श्रेणी से हटा दिया था।
इसके बाद ऐसा लगने लगा था कि कोरोना वायरस का दुनिया से अंत हो गया है लेकिन, ऐसा नहीं है।
हाल ही में भारत के पड़ोसी देश इंडोनेशिया में वैज्ञानिकों ने कोरोना के ऐसे खतरनाक वैरिएंट की खोज की है, जो ओमिक्रॉन से भी ज्यादा जानलेवा है और खतरनाक है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह वैरिएंट 113 यूनीक म्यूटेंट वाला कोरोना वायरस का नया वैरिएंट हो सकता है।
साथ ही वैज्ञानिकों ने इस वैरिएंट को अब तक का सबसे घातक वैरिएंट करार दिया है।
डोनेशिया में वैज्ञानिकों को कोरोना का सबसे नया और घातक वैरिएंट मिला है।
रिपोर्टों के अनुसार, इससे पहले 50 म्यूटेंट वाला ओमिक्रॉन कोरोना वायरस को सबसे अधिक घातक और तेजी से संक्रमण करने वाला वैरिएंट था। लेकिन, इंडोनेशिया में वैज्ञानिकों ने जिस वैरिएंट की खोज की है, वह 113 यूनीक म्यूटेंट के साथ ऑमिक्रोन को भी पीछे छोड़ देता है।
क्यों है इतना खतरनाक
वैज्ञानिकों का कहना है कि स्पाइक प्रोटीन वायरस की सतह पर पाया जाता है और इसे मानव कोशिकाओं से जुड़ने और प्रवेश करने में मदद मिलती है।
अधिकांश कोरोना टीके मानव शरीर के इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत करते हैं और स्पाइक प्रोटीन को टारगेट करके उन पर हमला करते हैं। ये यूनीक म्यूटेंट स्पाइक प्रोटीन को काफी प्रभावित कर सकते हैं, जिससे ये अधिक खतरनाक हो जाते हैं।
कोरोना से ठीक हुए शख्स में नया वैरिएंट
शोधकर्ताओं का कहना है कि कोविड वायरस का यह नया वैरिएंट एक पुराने कोविड मरीज से उत्पन्न हुआ है जो महीनों से संक्रमण से पीड़ित है।
इन पुराने रोगियों में आम तौर पर एड्स या कीमोथेरेपी से गुजरने के कारण प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है जो कि कोविड वायरस से लड़ने की क्षमता को कम कर देती है।
चिंता की बात
मेलऑनलाइन से बात करते हुए रीडिंग यूनिवर्सिटी के वायरोलॉजिस्ट प्रोफेसर इयान जोन्स ने कहा कि पुराने संक्रमणों में मुख्य चिंता यह है कि कोरोना वायरस के नए वैरिएंट उन व्यक्तियों में भी पैदा होते है, जिन्होंने कोरोना वायरस के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर ली है।
इंडोनेशिया में पाए गए नए कोविड वायरस वैरिएंट को विश्व जीनोमिक्स डेटाबेस में जमा कर दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना वायरस के नए वैरिएंट नए और अप्रत्याशित तरीके से उत्परिवर्तन करके आश्चर्यचकित करते रहते हैं।