सिंगापुर ने 31 ग्राम हेरोइन के साथ पकड़ी गई एक 45 वर्षीय नागरिक को फांसी दे दी है।
लगभग 20 वर्षों में पहली बार इस देश ने किसी महिला को फांसी दी है। केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो ने एक बयान में कहा कि 2018 में “कम से कम 30.72 ग्राम” ड्रग की तस्करी का दोषी पाए जाने के बाद सरिदेवी बिन्ते जमानी को शुक्रवार को फांसी दे दी गई।
ब्यूरो ने कहा कि जमानी के मामले में “कानून के तहत पूरी प्रक्रिया” का पालन किया गया था और पूरी प्रक्रिया के दौरान उन्हें कानूनी सलाह तक पहुंच दी गई थी।
एमनेस्टी इंटरनेशनल सहित मानवाधिकार समूहों के विरोध के बावजूद जमानी की फांसी की सजा बरकरार रखी गई।
मानवाधिकार समूहों का तर्क है कि सिंगापुर में नशीली दवाओं के अपराधों के लिए मृत्युदंड का इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करता है। साथ ही आरोप लगाया कि यह देश नशीली दवाओं के इस्तेमाल को रोकने के लिए कुछ नहीं करता है।
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने इस सप्ताह की शुरुआत में एक बयान में कहा, “हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय, विशेष रूप से उन देशों से, जिन्होंने कानूनी तौर पर या व्यवहारिक तौर पर, मौत की सजा को समाप्त कर दिया है, उनसे सिंगापुर में इस अमानवीय, अप्रभावी और भेदभावपूर्ण प्रथा को रोकने में मदद करने का आह्वान करते हैं।”
एक स्थानीय वकालत समूह ट्रांसफॉर्मेटिव जस्टिस कलेक्टिव ने फांसी से पहले अधिकारियों की “खूनी प्यास” के लिए निंदा की थी।
अप्रैल में, संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों के एक समूह ने सिंगापुर में नशीली दवाओं के अपराधों के लिए फांसी की दर को “अत्यधिक चिंताजनक” बताया। सिंगापुर ने इसी साल एक 46 वर्षीय भारतीय (तमिलनाडु) नागरिक को फांसी दे दी थी।
इसको लेकर काफी विवाद हुआ था क्योंकि पुलिस पूछताछ के दौरान उसे प्रयाप्त कानूनी अधिकारों से वंचित रखा गया था। सिंगापुर की सरकार पब्लिक प्रोटेस्ट और मीडिया को सख्ती से कंट्रोल करती है। इसने नशीली दवाओं की तस्करी के खिलाफ निवारक के रूप में मौत की सजा के इस्तेमाल का बचाव किया है और सर्वेक्षणों का हवाला दिया है कि अधिकांश नागरिक कानून का समर्थन करते हैं।
मार्च 2022 से सिंगापुर ने नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों के लिए विदेशियों सहित 15 लोगों को फांसी दी है। इस अमीर देश ने कोविड-19 महामारी के दौरान एक छोटे से ब्रेक के बाद फांसी दिए जाने का सिलसिला फिर से शुरू किया है।
बुधवार को 57 साल के मोहम्मद अजीज बिन हुसैन को करीब 50 ग्राम हेरोइन की तस्करी के आरोप में फांसी दे दी गई थी।
सिंगापुर ने आखिरी बार 2004 में एक महिला को फांसी दी थी। तब 36 वर्षीय हेयरड्रेसर येन मे वोएन को मादक पदार्थों की तस्करी के लिए फांसी दी गई थी।
सिंगापुर को एक अच्छी तरह से संचालित व्यापार केंद्र के रूप में प्रतिष्ठा हासिल है।
इसके बावजूद, सिंगापुर के अति-सख्त कानून इसे चीन और उत्तर कोरिया सहित मुट्ठी भर सत्तावादी देशों की कंपनी में रखते हैं, जो नशीली दवाओं के अपराधों के लिए मौत की सजा देते हैं।