संसद के मॉनसून सत्र के दौरान सदन से गायब रहने वाले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों को सदन के नेता पीयूष गोयल में जमकर फटकार लगाई है।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि पार्टी संसद बंक करना बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने ये भी कहा कि वे सदस्य संभल जाएं जो संसद में केवल हाजिरी लगवाने आते हैं।
संसद सदस्यों को पूरे दिन संसद में उपस्थित रहने के लिए प्रेरित करना हमेशा से एक कठिन काम रहा है। सूत्रों ने कहा कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अक्सर अपनी साप्ताहिक बैठकों के दौरान उन्हें (सांसदों को) समझाना पड़ता है।
ऐसा ही मामला राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल के सामने आया जब उन्होंने देखा कि लंच ब्रेक से काफी पहले ही सत्ता पक्ष के सासंद सदन से जा चुके थे।
विधायी कार्य से पहले गायब थे सांसद
सत्ता पक्ष के सांसदों की अनुपस्थिति ऐसे समय में देखी गई जब लंच ब्रेक के तुरंत बाद महत्वपूर्ण विधायी कार्य निर्धारित था। दरअसल संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (पांचवां संशोधन) विधेयक, 2022 को पारित करने की आवश्यकता थी।
तभी पीयूष गोयल ने एक जरूरी संदेश भेजा। उन्होंने कहा कि पार्टी (संसद सत्र) बंक करना बर्दाश्त नहीं करेगी, खासकर उनको जो केवल उपस्थिति दर्ज कराने के लिए आते हैं।
यह संकेत सत्तारूढ़ दल के उन 20 सांसदों के लिए था जो पिछले सप्ताह सत्र शुरू होने के बाद से नियमित भाग नहीं ले रहे हैं। हालांकि पीयूष गोयल की फटकार ने काम किया और दोपहर के भोजन के बाद, विधेयक को पारित करने के लिए अच्छी उपस्थिति देखी गई।
हालांकि विपक्ष ने इसका बहिष्कार करने का फैसला किया था। बाद में राज्यसभा ने संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश ( पांचवां संशोधन) विधेयक 2022 सरकारी संशोधन के साथ ध्वनिमत से पारित किया।
खरगे और गोयल के बीच राज्यसभा में नोकझोंक
इस बीच मणिपुर में हिंसा के मुद्दे पर राज्यसभा में खरगे और गोयल के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। मणिपुर पर चर्चा को लेकर मंगलवार को सदन के नेता पीयूष गोयल एवं विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे काफी देर तक बहस में उलझे रहे।
खरगे ने इस मुद्दे पर चर्चा के साथ ही प्रधानमंत्री मोदी की सदन में मौजूदगी की मांग की वहीं गोयल ने कहा कि विपक्ष शासित विभिन्न राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराध मुद्दे पर भी सदन में चर्चा की जाएगी।
उच्च सदन की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे शुरू होने पर भी स्थिति पहले जैसी ही रही और विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्य मणिपुर हिंसा पर कार्यस्थगन प्रस्ताव के तहत चर्चा कराने की मांग करने लगे।
विपक्षी सदस्य इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जवाब की भी मांग कर रहे थे। हंगामे के बीच ही सभापति जगदीप धनखड़ ने प्रश्नकाल चलाया और कुछ सदस्यों ने पूरक सवाल किए और संबंधित मंत्रियों ने उनके जवाब भी दिए।
सरकार चर्चा के लिए तैयार है- गोयल
सदन के नेता गोयल ने खरगे की बात का प्रतिकार करते हुए कहा कि किसी भी महिला के साथ अत्याचार होता है तो वह दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि सरकार इस विषय के साथ राजस्थान, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाओं पर चर्चा चाहती है।
गोयल ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार चर्चा के लिए तैयार है और गृह मंत्री अमित शाह स्थिति स्पष्ट करेंगे लेकिन विपक्ष चर्चा नहीं कर रहा क्योंकि वह अपनी विफलता को छिपाना चाहता है।
उन्होंने कहा कि गृह मंत्री चर्चा के लिए तैयार हैं और वह दूध का दूध, पानी का पानी करेंगे।