तेलंगाना के मेडक जिले के एक किसान ने अपनी टमाटर की फसल बेचकर पिछले 15 दिन में लगभग दो करोड़ रुपये कमाए हैं।
मेडक जिले के कौडिपल्ली मंडल के मोहम्मद नगर गांव के बी महिपाल रेड्डी ने मंगलवार को कहा कि उनके खेतों में अब भी एक करोड़ रुपये की टमाटर की फसल बची है।
उन्होंने पीटीआई-भाषा को बताया कि वह लगातार बारिश को देखते हुए वह फसल को लेकर चिंतित हैं क्योंकि इससे फसल को नुकसान होगा।
पिछले कुछ सप्ताह में देशभर में टमाटर की कीमतें आसमान छू रही हैं। विभिन्न स्थानों पर इसकी कीमत 100 रुपये से 120 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच है।
रेड्डी ने अपनी यात्रा को याद करते हुए कहा कि वह गांव में अपनी 20 एकड़ कृषि भूमि पर धान की खेती करते थे।
धान की खेती में कई बार घाटा होने के बाद उन्होंने आठ साल पहले आठ एकड़ में सब्जियां उगाना शुरू किया था। तेलंगाना को आमतौर पर पड़ोसी आंध्र प्रदेश के मदनपल्ली और कर्नाटक के कोलार से टमाटर मिलते हैं और रेड्डी ने उन स्थानों का दौरा किया था और उनकी खेती की शैली और तकनीकों का अध्ययन किया था।
अप्रैल और मई के दौरान तेलंगाना का तापमान अधिक होता है जो टमाटर की खेती के लिए उपयुक्त नहीं है।
इसलिए तापमान और जलवायु परिस्थितियों के प्रभाव को नियंत्रित करने के लिए उन्होंने 16 लाख रुपये खर्च करके आठ एकड़ टमाटर की खेती वाले क्षेत्र में एक जालीदार शेड बनवाया। इससे टमाटर की उच्च उपज और गुणवत्तापूर्ण उत्पादन सुनिश्चित हुआ।
वह अप्रैल में टमाटर के बीज बोते हैं और फसल जून के अंत तक कटाई के लिए तैयार हो जाती है। महिपाल रेड्डी ने कहा कि वह खेती में ड्रिप सिंचाई और ‘स्टेकिंग’ विधियों का उपयोग करते हैं।
उन्होंने कहा कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो वह एक सप्ताह के भीतर अपने सभी बचे हुए टमाटर बेच देंगे। उन्होंने अपने टमाटर हैदराबाद और उसके बाहरी इलाके के बोयेनपल्ली, शाहपुर और पाटनचेरु बाजारों में बेचे हैं।
टमाटर की 25 से 28 किलोग्राम की एक पेटी के लिए उन्हें 2,500 रुपये से 2,700 रुपये की कीमत मिली। उन्होंने लगभग दो करोड़ रुपये में ऐसी लगभग 7,000 क्रेट बेची हैं।
रेड्डी ने सोमवार को हैदराबाद में मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव से मुलाकात की, जिन्होंने उनकी सराहना की।
रेड्डी ने कहा कि 20 एकड़ की अपनी जमीन के अलावा उन्होंने 80 एकड़ जमीन पट्टे पर ली है और 60 एकड़ में धान की खेती की है। बाकी जमीन पर वह अन्य फसलें भी उगाते हैं।