PAK की नई चाल का भंडाफोड़; जम्मू में छात्रों को फोन कर रहे खुफिया एजेंट, खुद को बताते हैं टीचर…

जम्मू के आर्मी पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों सहित कई अन्य विद्यालयों के छात्रों को पाकिस्तानी खुफिया एजेंट के फोन आ रहे हैं।

इन्हें व्हाट्सऐप मेसेज भी भेजे जा रहे हैं, जिसमें उनसे विशेष सोशल मीडिया ग्रुप्स में शामिल होने और संवेदनशील जानकारी साझा करने के लिए कहा जा रहा है।

सेना के सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने कहा कि विद्यार्थियों को 2 मोबाइल नंबरों से पाकिस्तानी खुफिया एजेंट के कॉल और व्हाट्सऐप संदेश प्राप्त हो रहे हैं।

सूत्रों के मुताबिक, खुद को स्कूल का टीचर बताने वाले ये लोग छात्रों को नए कक्षा समूह में शामिल होने को कहते हैं और उन्हें ‘वन टाइम पासवर्ड’ (ओटीपी) भेजते हैं।

सूत्र ने बताया कि जैसे ही कोई छात्र समूह में शामिल होता है उससे संवेदनशील जानकारी साझा करने के लिए कहा जाता है।

सूत्रों ने बताया कि ये संदिग्ध एजेंट शुरू में जब कॉल या संदेश भेजते हैं तो छात्र के किसी करीबी का हवाला देते हैं ताकि उन्हें (छात्रों को) यह भरोसा हो जाए कि उनसे संपर्क करने वाला उनका शिक्षक ही है।

स्कूल के प्रिंसिपल्स ने जारी की एडवाइजरी
आर्मी पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल्स की ओर से इसे लेकर एडवाइजरी जारी गई है। इसके मुताबिक, एजेंट छात्रों से उनके पिता की नौकरी, विद्यालय की दिनचर्या और समय, शिक्षकों के नाम, वर्दी आदि जैसी जानकारियां मांग रहे हैं।

परामर्श में कहा गया है कि विद्यालयों और कॉलेजों से अनुरोध किया जाता है कि इस संबंध में शिक्षकों व छात्रों को जागरुक बनाएं।

कहा गया है कि इस तरह के संदेश अन्य नंबरों से भी आ रहे हैं। परामर्श के मुताबिक, विद्यार्थियों के परिजन को संदिग्ध कॉल के बारे में सतर्क रहना होगा।

दूसरी ओर, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को लोकसभा में जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ को लेकर अहम जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि इस साल 30 जून तक कोई आतंकवादी जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ नहीं कर सका था, हालांकि वर्ष 2022 में घुसपैठ की 14 घटनाएं हुई थीं।

उन्होंने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। राय ने कहा कि भारत सरकार ने सीमा पार घुसपैठ से निपटने के लिए जो रवैया अपनाया है उससे घुसपैठ पर अंकुश लगना सुनिश्चित हुआ है।

मंत्री ने बताया कि इस वर्ष 30 जून तक जम्मू-कश्मीर में कोई घुसपैठ नहीं हुई। वर्ष 2022 में घुसपैठ की 14, वर्ष 2021 में 34, वर्ष 2020 में 51 और 2019 में 141 घटनाएं हुईं।

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