महाराष्ट्र, गुजरात और जम्मू-कश्मीर इन दिनों भारी बारिश का सामना कर रहे हैं।
दोनों राज्यों के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। हजारों लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है।
साथ ही भारी बरसात और भूस्खलन से जुड़ी घटनाओं में मौतों की भी सूचना है। महाराष्ट्र और गुजरात के कई हिस्सों में अभी बारिश से राहत के आसार नहीं दिख रहे हैं।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक, सोमवार को पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। इसे लेकर विभाग की ओर से ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
यवतमाल में बारिश से जुड़ी घटनाओं में 3 की मौत
महाराष्ट्र के राहत व पुनर्वास मंत्री अनिल पाटिल ने कहा कि यवतमाल जिले में बारिश से संबंधित घटनाओं में 3 लोगों की मौत हुई है।
पाटिल ने प्रत्येक मृतक के परिवार को 4 लाख रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की है। पाटिल ने रविवार को यवतमाल का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया।
साथ ही, उन्होंने जिला प्रशासन को तुरंत खाद्य सामग्री वितरित करने और जिले में 1,600 से ज्यादा बाढ़ प्रभावित परिवारों को 5-5 हजार रुपये की सहायता मुहैया कराने का भी निर्देश दिया।
पाटिल ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में हुई भारी बारिश ने यवतमाल को बुरी तरह से प्रभावित किया है। जिले के 77 सर्किल में 100 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश दर्ज की गई।
जिला प्रशासन ने बताया कि अकोला बा और सावर गांव में बाढ़ में 2 लोग बह गए, जिनमें से एक का शव अभी बरामद किया जाना बाकी है।
प्रशासन ने बताया कि इसके अलावा वाघदी गांव में मकान गिरने से एक महिला की मौत हो गई। बाढ़ से जिले में 3 लोगों की मौत हुई है और बारिश व बाढ़ की वजह से 1426 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं।
करीब 280 लोगों को बाढ़ के पानी से बाहर निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है जबकि 6,275 लोगों को राहत शिविर में भेज कर खाद्य सामग्री मुहैया कराई गई है।
गुजरात के जूनागढ़ में बाढ़ का पानी घटा
गुजरात के जूनागढ़ जिले में मूसलाधार बारिश के एक दिन बाद रविवार को बाढ़ का पानी कम हो गया, जिसके बाद प्रशासन सामान्य स्थिति बहाल करने में जुटा है। अधिकारियों ने कहा कि जिले में लगभग 3,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। आईएमडी ने रविवार को गुजरात के
लिए ऑरेंज अलर्ट जारी करते हुए कहा कि राज्य में 24 जुलाई को भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। इसने अगले 24 घंटों में देवभूमि द्वारका, राजकोट, भावनगर और वलसाड जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश का भी अनुमान जताया है।
अधिकारियों ने कहा कि जूनागढ़ शहर में रविवार सुबह 6 बजे बीते 24 घंटे की अवधि में 241 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। इससे कई हिस्सों में जलभराव हो गया और कई कारें क्षतिग्रस्त पाई गईं।
उन्होंने कहा कि बाढ़ के कारण शनिवार को गुजरात में 2 राष्ट्रीय राजमार्ग, 10 राज्य राजमार्ग और 300 ग्रामीण सड़कें बंद कर दी गईं। उन्होंने कहा कि जहां-जहां पानी कम हुआ है, वहां यातायात बहाल कर दिया गया है। बारिश रुकने के बाद शहर में पानी कम हो गया है।
लगभग 200 लोगों को बचाया गया और शहर के निचले इलाकों से 750 लोगों को स्थानांतरित किया गया। अन्य 2,220 लोगों को एहतियात के तौर पर शहर से सटे ग्रामीण इलाकों में सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है।
दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान के पार
राष्ट्रीय राजधानी में रविवार सुबह न्यूनतम तापमान 28.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से दो डिग्री अधिक है। आज दोपहर 3 बजे दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया। यहां का जलस्तर 206.26 मीटर दर्ज किया गया है।
आईएमडी के मुताबिक, दिल्ली में दिन में बादल छाए रहने के साथ हल्की बारिश होने के आसार हैं और अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है।
विभाग के अनुसार, शहर में सुबह साढ़े आठ बजे सापेक्षिक आर्द्रता 71 फीसदी दर्ज की गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़े के मुताबिक, दिल्ली में रविवार सुबह 9 बजे समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 78 दर्ज किया गया, जो संतोषजनक श्रेणी में आता है।
जम्मू-कश्मीर में और अधिक बारिश का अनुमान
जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश के कारण कई स्थानों पर अचानक बाढ़ आ गई। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के दौरान और अधिक बारिश होने के आसार जताए हैं।
IMD ने अगले 24 घंटों के दौरान रविवार सुबह 8-30 बजे तक जम्मू-कश्मीर में हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान लगाया है।
राज्य के कुछ स्थानों पर 24-25 जुलाई को हल्की बारिश के आसार के साथ बादल छाए रहने के अनुमान हैं।
रविवार को केंद्र शासित प्रदेश के कुछ इलाकों में खासकर उत्तरी कश्मीर के कुछ हस्सिों में बारिश के आसार हैं। कुछ स्थानों पर तीव्र बारिश के साथ साथ अचानक बाढ़ और बादल फट सकते हैंफटने के अनुमान हैं, जबकि अगले 2 दिनों में दिन के दौरान बारिश के आसार हैं।
श्रीनगर और इसके आसपास के इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश हुई जिससे कई निचले इलाकों में पानी भर गया, जिससे सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया।
रविवार सुबह 8-30 बजे तक पिछले 24 घंटों के दौरान श्रीनगर में 9 मिमी, काजीगुंड में 22.3 मिमी, पहलगाम में 17.4 मिमी, कुपवाड़ा में 4.5 मिमी, कोकरनाग में 2.8 मिमी, गुलमर्ग में 19.4 मिमी, जम्मू में 1.2 मिमी, बनिहाल में 4.2 मिमी, कटरा में 48 मिमी, भद्रवाह में 1.8 मिमी और बटोत में 19.3 मिमी बारिश हुई।
श्रीनगर के बाहरी इलाके फकीर गुजरी, सीमांत कश्मीर जिले के कुपवाड़ा के लोलाब क्षेत्र और दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में भारी बारिश और बादल फटने के कारण अचानक बाढ़ आने की खबरें हैं, बाढ़ से फसलों को नुकसान हुआ है।
कम बारिश के कारण झारखंड सूखे जैसे हालात की ओर
झारखंड में 45 प्रतिशत कम बारिश होने की वजह से राज्य सूखे जैसे हालात की तरफ बढ़ रहा है। मॉनसून का मौसम चरम पर होने के बावजूद राज्य में लगभग 85 प्रतिशत कृषि भूमि परती रह गई है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 21 जुलाई तक केवल 4.15 लाख हेक्टेयर भूमि पर खरीफ फसलों की बुवाई हुई, जो कृषि योग्य भूमि का मात्र 14.71 प्रतिशत हिस्सा है जबकि लक्ष्य 28.27 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बुवाई का था। इसके विपरीत 2022 में 21 जुलाई तक लगभग 20.40 प्रतिशत कृषि योग्य भूमि पर खेती की गई थी।
विशेषज्ञों ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में मॉनसून के शुरुआती महीनों में देरी से आने या फिर कम बारिश होने की वजह से आज-कल कई किसान अगस्त के मध्य तक फसल की बुवाई करते हैं, लेकिन इससे अच्छी फसल नहीं होती है।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हालात पर पहले ही चिंता व्यक्त कर चुके हैं। झारखंड में शनिवार तक 45 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है। राज्य में एक जून से 22 जुलाई तक 229.3 मिलीमीटर (मिमी) बारिश हुई है, जबकि इस अवधि के दौरान सामान्य बारिश 414.9 मिमी रहती है। झारखंड के 12 जिले 50 प्रतिशत से अधिक बारिश की कमी का सामना कर रहे हैं।
वहीं चतरा और जामताड़ा में बारिश में सबसे अधिक कमी क्रमश: 75 प्रतिशत और 67 प्रतिशत दर्ज की गई है। केवल तीन जिले साहिबगंज, गोड्डा और सिमडेगा में अब तक सामान्य बारिश दर्ज की गई है। मौजूदा हालात में आकलन को देखते हुए हम कह सकते हैं कि झारखंड सूखे जैसी स्थिति की ओर बढ़ रहा है।
बुवाई का समय समाप्त होने के करीब है और बारिश अब भी अनियमित है। अगर झारखंड में अब भी अच्छी बारिश होती है तो हालात में सुधार होने की उम्मीद है।